यमन में चल रहे संघर्ष के बीच एक भारतीय नागरिक की सुरक्षित रिहाई की खबर सामने आई है। यह व्यक्ति पिछले पांच महीनों से हूती विद्रोहियों की हिरासत में कैद था। तनावपूर्ण परिस्थितियों और लंबी बातचीत के बाद उसकी रिहाई ओमान सरकार की सक्रिय मध्यस्थता से संभव हो सकी। इस घटनाक्रम के बाद भारतीय कूटनीतिक तंत्र ने राहत की सांस ली है।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय नागरिक को यमन में काम के सिलसिले में रहने के दौरान विद्रोहियों ने हिरासत में ले लिया था। क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता और सुरक्षा चुनौतियों के कारण उसकी रिहाई बेहद जटिल मानी जा रही थी। कई दौर की बातचीत और राजनयिक प्रयासों के बाद ओमान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हूती नेतृत्व से संपर्क स्थापित कर सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित की।
भारतीय सरकार ने इस कदम के लिए ओमान का आभार व्यक्त किया है। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि कठिन परिस्थितियों में भी ओमान ने मानवीय आधार पर हस्तक्षेप किया, जिससे यह प्रक्रिया संभव हो पाई। रिहा हुए भारतीय नागरिक को फिलहाल सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है, जहां उसके स्वास्थ्य की जांच और आगे की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
परिवार के सदस्यों ने भी राहत जताते हुए कहा कि यह खबर उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है। पांच महीनों से उन्हें अपने प्रियजन की सुरक्षा को लेकर निरंतर चिंता बनी हुई थी।
कुल मिलाकर, यह घटना न केवल क्षेत्रीय तनावों की गंभीरता को उजागर करती है बल्कि मानवता और राजनयिक सहयोग की अहमियत को भी रेखांकित करती है। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के बीच भविष्य में भी इसी तरह का समन्वय जारी रहने की उम्मीद जताई जा रही है।





