Thursday, November 13, 2025

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‘हिंद महासागर वैश्विक समृद्धि का केंद्र’, नौसेना उपप्रमुख बोले- समुद्री सुरक्षा को सूचना साझाकरण जरूरी

भारतीय नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा है कि हिंद महासागर आज वैश्विक व्यापार, ऊर्जा आपूर्ति और सामरिक संतुलन का केंद्र बन चुका है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने के लिए सभी देशों के बीच समुद्री सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं का पारदर्शी आदान-प्रदान बेहद आवश्यक है।
नई दिल्ली में आयोजित ‘इंडियन ओशन रीजन सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस’ में वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में दुनिया के लगभग दो-तिहाई तेल व्यापार और एक-तिहाई समुद्री माल ढुलाई होती है। ऐसे में यहां की सुरक्षा सिर्फ क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक व्यवस्था से भी जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा, “अगर हिंद महासागर अस्थिर होता है, तो इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।”
नौसेना उपप्रमुख ने कहा कि आधुनिक युग में समुद्री चुनौतियां केवल पारंपरिक खतरों तक सीमित नहीं रहीं। समुद्री डकैती, मानव तस्करी, अवैध मछली पकड़ने, साइबर खतरों और पर्यावरणीय आपदाओं से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सूचना साझाकरण तंत्र को मजबूत किए बिना समुद्री निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया संभव नहीं है।

वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने भारत की “सागर” (Security and Growth for All in the Region) नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत हमेशा से सहयोगात्मक सुरक्षा के पक्ष में रहा है। उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना वर्तमान में कई देशों के साथ सूचना साझाकरण और समुद्री गश्ती अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल है।
उन्होंने कहा, “हिंद महासागर न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक समृद्धि का केंद्र भी है। हमें इसे शांत, सुरक्षित और स्थिर बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयास जारी रखने होंगे।”

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