Saturday, July 27, 2024

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हमें खुद पर भरोसा करने की जरूरत : विदेश मंत्री

पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के पांचवें वर्ष में प्रवेश करने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत चीन के साथ शेष मुद्दों के समाधान की उम्मीद करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सामान्य द्विपक्षीय संबंधों की वापसी सीमा पर  शांति पर निर्भर करती है। जयशंकर ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि बाकी मुद्दे मुख्य रूप से ‘गश्त करने के अधिकार’ और ‘गश्त करने की क्षमता’ से संबंधित हैं।

यह पूछे जाने पर कि न्यूजवीक पत्रिका को पिछले माह दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में विवाद के समाधान की उम्मीद कब तक की जा सकती है, जयशंकर ने कहा कि उन्होंने (मोदी ने) इस मामले पर केवल एक व्यापक दृष्टिकोण साझा किया है। हमें उम्मीद है कि बचे हुए मुद्दों का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा, मैं इसे प्रधानमंत्री के साक्षात्कार से नहीं जोड़ूंगा।

मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री एक व्यापक दृष्टिकोण पेश कर रहे थे। उनका यह दृष्टिकोण बहुत ही उचित था, क्योंकि आखिरकार हर देश अपने पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध चाहता है। लेकिन आज चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं, क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग हो गई है। इसलिए वह (प्रधानमंत्री) उम्मीद जता रहे थे कि चीनी पक्ष को यह अहसास होना चाहिए कि मौजूदा स्थिति उसके भी हित में नहीं है। न्यूजवीक को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा था कि सीमा की स्थिति का तत्काल समाधान किए जाने की जरूरत है। भारत तथा चीन के बीच स्थिर एवं शांतिपूर्ण संबंध न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। बताते चलें, भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से गतिरोध चल रहा है और अभी तक सीमा विवाद का पूर्ण समाधान नहीं हो पाया है।

विदेश मंत्री ने कहा, हमें खुद पर भरोसा करने की जरूरत है। मेरा रुख स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में प्रतिस्पर्धा है। हमारा चीन जैसा पड़ोसी है और हमें प्रतिस्पर्धा करना सीखना होगा। जयशंकर से पूछा गया था कि चीन के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार क्यों बढ़ रहा है, जबकि नई दिल्ली इस बात पर जोर दे रही है कि सीमा पर स्थिति असामान्य होने पर संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

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