Tuesday, May 20, 2025

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सूडान में आरएसएफ का ड्रोन हमला, पोर्ट सिटी के एयरबेस और नागरिक ठिकाने को बनाया निशाना

सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (आरएसएफ) के बीच जारी युद्ध के बीच आरएसएफ ने सूडान के पोर्ट शहर पर ड्रोन हमला किया। रविवार को हुए इस हमले में सैन्य एयरबेस, गोदाम और नागरिक सुविधाएं जैसी चिजों को निशाना बनाया गया। सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल नबील अब्दुल्ला ने बताया कि आरएसएफ के ड्रोन ने उस्मान डिग्ना एयरबेस के एक गोलाबारूद गोदाम को निशाना बनाया, जिससे वहां धमाके हुए। साथ ही एक कार्गो गोदाम और अन्य नागरिक स्थानों को भी नुकसान पहुंचा।

हालांकि, इस हमले के चलते अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। वहीं इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जारी किया गया, जिसमें एयरबेस के ऊपर गहरे धुएं के गुबार देखे गए। हमले के बाद पोर्ट सुडान हवाईअड्डे पर कुछ समय के लिए उड़ानें रोक दी गईं।

बता दें कि सूडान का पोर्ट शहर युद्ध शुरू होने के बाद से अस्थायी राजधानी की भूमिका निभा रहा है, क्योंकि राजधानी खार्तूम का हवाईअड्डा युद्ध के शुरुआती दिनों में आरएसएफ ने कब्जा लिया था। हालांकि सेना ने इस साल की शुरुआत में खार्तूम का एयरपोर्ट वापस ले लिया, लेकिन वह अभी चालू नहीं है।

आरएसएफ ने हाल के हफ्तों में सेना के कब्जे वाले इलाकों में ड्रोन हमलों को तेज कर दिया है। पिछले महीने भी उन्होंने अतबारा शहर के एक बिजली संयंत्र को निशाना बनाया था। सेना ने जब से खार्तूम पर दोबारा नियंत्रण पाया है, आरएसएफ ने दारफूर और वेस्ट कोर्डोफान जैसे इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत की है। उन्होंने देश का सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर और एक महत्वपूर्ण कस्बा भी अपने कब्जे में लिया है।

गौरतलब है कि सूडान में जारी यह युद्ध 15 अप्रैल 2023 को सेना और आरएसएफ के बीच तनाव बढ़ने के बाद शुरू हुआ था। तब से अब तक 24,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और 1.3 करोड़ लोग अपने घर छोड़ चुके हैं। इनमें से 40 लाख लोग पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं। कारण है कि इस युद्ध ने देश को भुखमरी, विस्थापन और हिंसा के चलते सूडान को गंभीर मानवीय संकट में धकेल चुका है।

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