केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि भारत की खुफिया ब्यूरो (आईबी) को अपनी सुरक्षा की परिभाषा को व्यापक बनाना होगा और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। शाह दिल्ली में 37वें ‘खुफिया ब्यूरो शताब्दी अक्षय निधि व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर शाह ने कहा कि आईबी को एक अत्याधुनिक खुफिया एजेंसी बनने के लिए खुद को तैयार करना होगा और इसके लिए युवा अधिकारियों को आगे आकर जिम्मेदारी निभानी होगी। गृह मंत्री ने कहा कि आज के दौरा में सुरक्षा की परिभाषा केवल सीमाओं और नागरिकों की रक्षा तक सीमित नहीं रह सकती। उन्होंने कहा, आज संप्रभुता की परिभाषा केवल भौगोलिक सीमाओं तक नहीं है। अगर हम नवाचार, तकनीकी, अर्थव्यवस्था, संसाधनों और अनुसंधान व विकास की प्रक्रियाओं को संप्रुभता की परिभाषा में शामिल नहीं करेंगे, तो हम अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि एक कंप्यूटर के क्लिक से किसी भी देश के महत्वपूर्ण डिजिटल ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। इसलिए खुफिया ब्यूरो को सुरक्षा की परिभाषा का विस्तार करना होगा।
शाह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) और साइबर स्पेस जैसे क्षेत्रों में तेजी आ रहे बदलावों पर सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि अब केवल शारीरिक नुकसान पहुंचाने वाली राष्ट्र विरोधी ताकतों से सतर्क रहना ही पर्याप्त नहीं है। अब सुरक्षा की निगरानी को एक नया रूप देना होगा, जो इन नई तकनीकियों और खतरों से निपट सके।