लखनऊ: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती और छात्रों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के निर्देश के बाद, शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी बोर्डों के 12वीं तक के स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है।
बढ़ती ठंड और कोहरे ने बढ़ाई चिंता
पिछले कुछ दिनों से पूरे उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाए रहने के कारण विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है, जिससे स्कूली बच्चों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। मौसम विभाग की चेतावनी और अभिभावकों की चिंताओं को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
शिक्षा विभाग का सख्त फरमान
मुख्यमंत्री के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक के तुरंत बाद माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया।
- आदेश का दायरा: यह आदेश सरकारी, सहायता प्राप्त और सभी निजी (Private) स्कूलों पर समान रूप से लागू होगा।
- ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प: विभाग ने सुझाव दिया है कि जिन स्कूलों में परीक्षाएं नजदीक हैं, वे छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर सकते हैं ताकि पाठ्यक्रम प्रभावित न हो।
- शिक्षकों की उपस्थिति: कुछ जिलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को प्रशासनिक कार्यों के लिए स्कूल आने की छूट दी गई है, लेकिन छात्रों के लिए कैंपस पूरी तरह बंद रहेगा।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
शासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और स्कूल की मान्यता रद्द करने पर भी विचार किया जा सकता है। सभी जिलाधिकारियों (DM) को अपने-अपने जिलों में इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अभिभावकों के लिए संदेश: प्रशासन ने अपील की है कि बच्चे घर के भीतर रहें और ठंड से बचाव के पर्याप्त उपाय करें। छुट्टियों की अवधि को आगे के मौसम की स्थिति के आधार पर बढ़ाया भी जा सकता है, जिसकी सूचना समय-समय पर दी जाएगी।





