देहरादून में साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपनाते हुए एक व्यक्ति से पाँच लाख रुपये की बड़ी रकम मिनटों में उड़ा ली। पुलिस के अनुसार, पीड़ित को व्हाट्सऐप पर एक फर्जी ई-चलान भेजा गया, जिसमें दावा किया गया था कि उसकी गाड़ी का ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर चालान काटा गया है और तुरंत भुगतान न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि संदेश के साथ एक लिंक भी भेजा गया था, जिसे असली बताकर पीड़ित को क्लिक करने के लिए मजबूर किया गया। लिंक खोलते ही पीड़ित के फोन में एक नकली भुगतान पोर्टल खुला। चालान की राशि कम होने के कारण उसे शक नहीं हुआ और उसने भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी। लेकिन लिंक पर क्लिक करते ही साइबर ठगों ने उसके बैंक खाते का नियंत्रण हासिल कर लिया और कुछ ही मिनटों में पाँच लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए।
जब बैंक से भारी रकम निकाले जाने का अलर्ट आया, तब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ और उसने तुरंत साइबर थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला एक संगठित साइबर गिरोह का लग रहा है, जो ‘ई-चलान’ के नाम पर लोगों को निशाना बना रहा है। तकनीकी टीम ट्रांजैक्शन और भेजे गए लिंक की जांच कर रही है।
साइबर विशेषज्ञों ने लोगों को सावधान करते हुए कहा है कि ट्रैफिक पुलिस कभी भी व्हाट्सऐप के माध्यम से ई-चलान नहीं भेजती। आधिकारिक चालान केवल सरकारी पोर्टल या रजिस्टर्ड एसएमएस के जरिए ही भेजे जाते हैं। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता की जांच जरूरी है।
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार का चालान या भुगतान संबंधी लिंक सोशल मीडिया पर भेजा जाए, तो वह तुरंत इसकी पुष्टि करें और ऐसे किसी भी संदेश में दिए लिंक पर क्लिक न करें। मामला दर्ज कर पुलिस साइबर ठगों की तलाश में जुट गई है।





