भारत में तकनीकी रूप से आगे बढ़ने और अपना खुद का इंटरनेट ब्राउजर विकसित करने की क्षमता है। इसके लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को भारतीय वेब ब्राउजर डेवलपमेट चैलेंज (आईडब्ल्यूबीडीसी) के विजेताओं को सम्मानित करने के मौके पर कही। उन्होंने विदेश ब्राउजर पर निर्भरता खत्म करने और डाटा सुरक्षा के लिहाज से स्वदेशी वेब ब्राउजर को जरूरी बताया। केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर यह भी कहा कि भारत सरकार सुरक्षित और अभिनव डिजिटल समाधानों के माध्यम से नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र एक अहम उद्योग है जिसे निरंतर विकसित किया जाना चाहिए लेकिन साथ ही भारत को एक विनिर्माण करने वाला राष्ट्र भी बनने की आवश्यकता है।साथ ही मंत्री ने स्वदेशी ब्राउजर के विकास पर काम करने के लिए टीम जोहो को एक करोड़ रुपये का पहला पुरस्कार, टीम पिंग को 75 लाख रुपये का दूसरा पुरस्कार और टीम अजना को 50 लाख रुपये का तीसरा पुरस्कार दिया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी वेब ब्राउजर विकसित करने के इस चैलेंज की शुरुआत की थी।





