कुआलालंपुर। मलेशिया के रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को आयोजित आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (ADMM-Plus) में कहा कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए संवाद और एकता सबसे प्रभावी हथियार हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और सुरक्षा चुनौतियों के बीच, आसियान देशों को अपने साझा हितों की रक्षा के लिए एकजुट रहना होगा।
बैठक में मलेशियाई रक्षा मंत्री ने कहा, “संवाद से ही भरोसा बनता है, और भरोसे से ही स्थायी शांति संभव है। आज जब दुनिया विभाजन और अविश्वास की ओर बढ़ रही है, ऐसे समय में आसियान की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।” उन्होंने कहा कि सदस्य देशों को साझा सुरक्षा तंत्र को मजबूत करते हुए सहयोग और पारस्परिक सम्मान के सिद्धांतों पर आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मलेशिया किसी भी ऐसे कदम का समर्थन नहीं करता जो क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकता है। “हमें किसी शक्ति-प्रतिस्पर्धा का हिस्सा बनने के बजाय, शांति, स्थिरता और समान विकास के लिए काम करना चाहिए,” उन्होंने कहा।
रक्षा मंत्री ने साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में आसियान देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि “आधुनिक समय में सुरक्षा केवल सैन्य शक्ति से नहीं, बल्कि तकनीकी साझेदारी, सूचना सहयोग और आपसी भरोसे से सुनिश्चित की जा सकती है।”
बैठक में भारत, चीन, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, रूस और अन्य आसियान भागीदार देशों के रक्षा मंत्री भी उपस्थित थे। चर्चा के दौरान सभी देशों ने क्षेत्रीय शांति और खुले, समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
मलेशियाई मंत्री ने कहा कि आसियान एक ऐसा मंच है जिसने हमेशा “संवाद के माध्यम से मतभेद सुलझाने” की परंपरा कायम रखी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सामूहिक सहयोग ही एशिया के भविष्य की दिशा तय करेगा, और आसियान को वैश्विक शक्ति संतुलन में एक जिम्मेदार साझेदार की भूमिका निभानी होगी।
बैठक के अंत में प्रतिभागी देशों ने क्षेत्रीय शांति, आर्थिक स्थिरता और पारदर्शी रक्षा सहयोग के लिए साझा प्रतिबद्धता दोहराई।





