Wednesday, November 19, 2025

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शेख हसीना का प्रत्यर्पण नहीं करेगा भारत

ढाका में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यह अटकलें तेज थीं कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत बांग्लादेश सरकार को सौंप सकता है। लेकिन शीर्ष सरकारी सूत्रों ने साफ कर दिया है कि भारत किसी भी परिस्थिति में शेख हसीना का प्रत्यर्पण नहीं करेगा। इसके पीछे दो ठोस आधार हैं, जो प्रक्रिया को कानूनी रूप से असंभव बनाते हैं।

  1. प्रत्यर्पण संधि की सीमाएं और ‘राजनीतिक अपवाद’ का प्रावधान

भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि मौजूद जरूर है, लेकिन इसमें एक महत्वपूर्ण प्रावधान यह कहता है कि राजनीतिक कारणों से आरोपित व्यक्ति को प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता
शेख हसीना के खिलाफ वर्तमान मामले राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े माने जा रहे हैं। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद उनके खिलाफ जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं, वे बड़ी हद तक राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और सत्ता संघर्ष से संबंधित हैं।
अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार, ऐसे मामलों में प्रत्यर्पण न देना ही सामान्य प्रक्रिया है।

  1. जीवन और सुरक्षा को खतरे का जोखिम

भारत का दूसरा बड़ा आधार सुरक्षा संबंधी है। प्रत्यर्पण संधि और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के वापस भेजे जाने पर उसके जीवन, स्वतंत्रता या मानवाधिकारों को गंभीर खतरे की आशंका हो, तो उसे उस देश को नहीं सौंपा जा सकता।
विशेषज्ञों का कहना है कि बांग्लादेश की मौजूदा परिस्थितियों में शेख हसीना की जान को स्पष्ट खतरा बताया गया है। ऐसे में भारत कानूनी और मानवीय आधार पर उन्हें वापस नहीं भेज सकता।

हसीना की मौजूदगी पर भारत की स्थिति साफ

सूत्रों ने बताया कि शेख हसीना भारत में किसी शरणार्थी या राजनीतिक शरण के औपचारिक दर्जे में नहीं हैं, बल्कि मानवीय दृष्टि से उन्हें सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराया गया है।
भारत सरकार का रुख यह है कि उसका भूमिका क्षेत्रीय स्थिरता और मानवाधिकारों की रक्षा से संबंधित है, न कि किसी देश के राजनीतिक विवाद में हस्तक्षेप से।

बांग्लादेश–भारत संबंधों पर नजर

विश्लेषकों का मानना है कि शेख हसीना के मुद्दे पर भारत का फैसला दोनों देशों के रिश्तों में संतुलन को बनाए रखने की कोशिश है। यह संदेश भी स्पष्ट है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवीय मूल्यों के अनुरूप ही कार्रवाई करेगा।

फिलहाल, भारत के इस निर्णय ने प्रत्यर्पण को लेकर चल रही अटकलों को विराम दे दिया है और यह साफ कर दिया है कि शेख हसीना को भारत से वापस भेजना मौजूदा परिस्थितियों में संभव नहीं है

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