Saturday, July 27, 2024

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व्यापक चर्चा के बाद LGBTQI+ जोड़ों को मान्यता देने के लिए कानून लाएगी कांग्रेस

कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र जारी किया है। कांग्रेस ने कहा कि अगर वे केंद्र में सरकार बनाएंगे तो व्यापक विचार-विमर्श के बाद एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय से संबंधित जोड़ों के बीच सिविल यूनियनों को मान्यता देने के लिए कानून लाएगी। गौरतलब है कि एलजीबीटीक्यूआईए+ का मतलब लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर, इंटरसेक्स और अलैंगिक और अतिरिक्त + होता है।  कांग्रेस ने कहा कि वह संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 25, 26, 28, 29 और 30 के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकारों का सम्मान करेगी और उन्हें बरकरार रखेगी। हम संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 29 और 30 के तहत प्रदत्त भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकारों का भी सम्मान करेंगे और उन्हें बरकरार रखेंगे। कांग्रेस ने वादा किया कि वे अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों और युवाओं को शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय, सेवाओं, खेल, कला और अन्य क्षेत्रों में बढ़ने का पूरा अवसर दिया जाएगा। हम विदेश में अध्ययन के लिए मौलाना आजाद छात्रवृत्ति बहाल करेंगे और छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाएंगे।   कांग्रेस ने कहा कि अल्पसंख्यकों क आर्थिक सशक्तिकरण पर भी गौर किया जाएगा। कांग्रेस ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि बैंक किसी भेदभाव के अल्पसंख्यकों को संस्थागत ऋण प्रदान करें। सत्ता में लौटने पर कांग्रेस सुनिश्चित करेगी कि देश के प्रत्येक नागरिक की तरह, अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, भोजन, भाषा और व्यक्तिगत कानूनों की पसंद की स्वतंत्रता हो। हम व्यक्तिगत कानूनों में सुधार को प्रोत्साहित करेंगे। कांग्रेस ने संविधान की आठवीं अनुसूची में अधिक भाषाओं को शामिल करने की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने का वादा किया।

कांग्रेस के अन्य वादे

  1. राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना।
  2. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं गरीब सामान्य वर्ग को मिलने वाले आरक्षण पर 50% का कैप हटाया जाएगा।
  3. शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलने वाले 10% आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू किया जाएगा।
  4. अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सभी रिक्त पदों को 1 साल के भीतर भरा जाएगा।
  5. सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में संविदा भर्तियों की जगह नियमित भर्तियां और अभी जो संविदा कर्मी हैं उनका नियमतीकरण किया जाएगा।
  6. भूमिहीनों को जमीन दी जाएगी।

 

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