Sunday, July 6, 2025

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वैश्विक अर्थव्यवस्था के अच्छे दिन आने वाले हैं, भारत घरेलू बाजार के दम पर बढ़ रहा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाशिंगटन में एक ‘ग्लोबल थिंक टैंक’ से कहा है कि पिछले कई वर्षों से मुश्किल दौर का सामना कर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘साफ्ट लैंडिंग’ की संभावना बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में ‘साॅफ्ट लैंडिंग’ का तात्पर्य आर्थिक विकास के दौरान आने वाली ऐसी एक चक्रीय मंदी है जो पूर्ण मंदी की स्थिति आए बिना खत्म हो जाती है। हालांकि उन्होंने चेतावनी भी दी कि अर्थव्यवस्थाएं अभी उतनी तेजी से भी आगे नहीं बढ़ रही हैं।वित्त मंत्री ने इसके बावजूद माना कि विभिन्न देशों व बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने से अच्छे दिन आने वाले हैं। सीतारमण ने वाशिंगटन-डीसी के एक ‘ग्लोबल थिंक टैंक’ से कहा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में दो दिनी वार्ता के दौरान यही संभावना दिखाई दी कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘साॅफ्ट लैंडिंग’ होगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, केंद्रीय बैंकों, सभी संस्थानों व सरकारी प्रयासों ने कुछ अवधि के लिए मुद्रास्फीति में कमी बनाए रखी है इसलिए वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘साॅफ्ट लैंडिंग’ की संभावना बढ़ रही है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, हर देश ने कोविड से उबरने के लिए आदर्श रूप से कहीं अधिक उधार लिया है। परिणामस्वरूप, राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण पाना अधिकांश देशों के लिए एक चुनौती होगी। इस पर कठोर नियंत्रण नहीं, तो कम से कम राजकोषीय घाटे को कुछ उचित संख्या तक लाने के उपाय तो होने ही चाहिए। मैं इससे सहमत हूं कि भारत  घरेलू बाजार के दम पर तेजी से बढ़ रहा है। हमारी चुनौती है कि आयात के मुकाबले निर्यात में आनुपातिक वृद्धि नहीं हो रही है। यह आंतरिक से बड़ी बाहरी चुनौती है।

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