Saturday, November 15, 2025

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वेनेजुएला पर हमले की खबरों पर राष्ट्रपति ट्रंप का इनकार, अमेरिकी कार्रवाई पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता

वॉशिंगटन/न्यूयॉर्क। लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की खबरों ने अंतरराष्ट्रीय हलचल मचा दी है। हालांकि, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस पर स्पष्ट बयान जारी करते हुए किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई या हमले से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका “लोकतांत्रिक सुधारों और मानवीय सहायता” के समर्थन में है, न कि किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन करने के पक्ष में।
उधर, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने अमेरिकी गतिविधियों और हालिया सैन्य तैनाती को लेकर गंभीर चिंता जताई है। यूएन महासचिव के प्रवक्ता ने कहा कि वेनेजुएला की सीमाओं के आसपास बढ़ती अमेरिकी सैन्य मौजूदगी “क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानून” के लिए खतरा बन सकती है।
मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया था कि अमेरिका ने हाल के दिनों में कोलंबिया और कैरिबियन सागर में अपने नौसैनिक बेड़ों की संख्या बढ़ाई है। इन रिपोर्टों के बाद ट्रंप ने वॉशिंगटन में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “वेनेजुएला में अमेरिकी हमले की खबरें पूरी तरह फर्जी और भ्रामक हैं। हमारा उद्देश्य केवल लोकतंत्र, मानवाधिकार और आर्थिक स्वतंत्रता का समर्थन करना है।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि वेनेजुएला की जनता “तानाशाही शासन के दबाव में है” और अमेरिका वहां “शांति और पुनर्निर्माण” के लिए सहयोग करना चाहता है। उन्होंने मादुरो सरकार पर मानवाधिकार उल्लंघन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिकी रुख पर चिंता जताते हुए सभी पक्षों से संवाद और संयम बरतने की अपील की है। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा, “किसी भी तरह की बाहरी सैन्य दखलंदाजी अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि वेनेजुएला की स्थिति का समाधान “राजनयिक वार्ता और क्षेत्रीय सहयोग” के जरिये किया जाना चाहिए।
अमेरिकी गतिविधियों से दक्षिण अमेरिकी देशों में राजनैतिक और सैन्य तनाव बढ़ गया है। क्यूबा, निकारागुआ और बोलिविया जैसे देशों ने अमेरिकी कदमों की आलोचना करते हुए कहा है कि “अमेरिका क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है।” वहीं, कोलंबिया और ब्राजील ने अमेरिकी नीतियों का समर्थन किया है, यह कहते हुए कि “वेनेजुएला में लोकतांत्रिक पुनर्स्थापना जरूरी है।”
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने भी अमेरिकी बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “ट्रंप प्रशासन लोकतंत्र की आड़ में देश की संप्रभुता पर हमला करने की साजिश रच रहा है।” मादुरो ने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया है कि वह “अमेरिकी आक्रामकता” पर तुरंत संज्ञान ले।
राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच यह तनाव नया नहीं है। ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने मादुरो सरकार पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे और विपक्षी नेता जुआन गुइदो को मान्यता दी थी। अब हालिया घटनाओं ने दोनों देशों के बीच तनाव को फिर बढ़ा दिया है।

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