नियाग्रा (कनाडा)। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली से नियाग्रा में जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर द्विपक्षीय मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-कनाडा संबंधों को फिर से नई दिशा देने के लिए ‘नए रोडमैप’ (New Roadmap for Partnership) पर विस्तार से चर्चा की। यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब दोनों देशों के रिश्ते हाल के महीनों में तनावपूर्ण दौर से गुजरे हैं।
संबंधों में स्थिरता और भरोसे की बहाली पर जोर
बैठक के दौरान जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत कनाडा के साथ संतुलित, परस्पर सम्मान और भरोसे पर आधारित संबंध चाहता है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में आई दरार को पाटने और संवाद बहाल करने की दिशा में यह बातचीत अहम मानी जा रही है। जयशंकर ने कहा कि भारत किसी भी विवाद का समाधान राजनयिक बातचीत और सहयोग से चाहता है।
‘नए रोडमैप’ में शिक्षा, व्यापार और सुरक्षा सहयोग शामिल
जानकारी के अनुसार, दोनों देशों के अधिकारियों ने एक ऐसे “नए रोडमैप” पर चर्चा की, जिसमें उच्च शिक्षा, व्यापार, निवेश, नवाचार, जलवायु परिवर्तन, और सुरक्षा सहयोग जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। जयशंकर ने बैठक में कहा कि भारत और कनाडा के बीच लोगों के आपसी संपर्क (People-to-People Connect) को मजबूत बनाना दोनों देशों के रिश्तों की बुनियाद है।
सिख अलगाववाद पर भारत की स्पष्ट स्थिति दोहराई
सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा में भारत-विरोधी गतिविधियों और सिख अलगाववाद को लेकर अपनी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में भारत के राजनयिकों और मिशनों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। बताया गया कि इस मुद्दे पर कनाडाई विदेश मंत्री ने संवेदनशीलता दिखाने का भरोसा दिया है।
वाणिज्यिक संबंधों को नई गति देने पर भी चर्चा
बैठक में भारत-कनाडा व्यापार और निवेश साझेदारी को पुनर्जीवित करने पर भी सहमति बनी। दोनों देशों ने माना कि हाल के समय में व्यापारिक वार्ताएं ठप पड़ी थीं, जिन्हें अब पुनः आरंभ करने की आवश्यकता है। जयशंकर ने कनाडा को भारत में “मेक इन इंडिया” और “ग्रीन एनर्जी मिशन” में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया।
जी-7 बैठक के दौरान भारत की भूमिका रही प्रमुख
जयशंकर इस समय कनाडा के नियाग्रा में हो रही जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक में विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में भाग ले रहे हैं। बैठक के दौरान भारत ने वैश्विक दक्षिण (Global South) के देशों के हितों को उठाया और जलवायु परिवर्तन, आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा पर भारत की स्थिति स्पष्ट की।
भारत-कनाडा रिश्तों में नई शुरुआत की उम्मीद
राजनयिक हलकों में इस मुलाकात को भारत-कनाडा संबंधों में संभावित “रीसेट” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दोनों देश इस नए रोडमैप को अमल में लाते हैं, तो आने वाले महीनों में द्विपक्षीय रिश्तों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।





