नई दिल्ली/मुंबई: नए साल के स्वागत की तैयारियों के बीच ऑनलाइन फूड और सामान ऑर्डर करने वाले ग्राहकों को आज भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। स्विगी (Swiggy), जोमैटो (Zomato) और अमेजन (Amazon) जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म के हजारों डिलीवरी वर्कर्स ने आज एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल के कारण पिज्जा, बर्गर से लेकर रोजमर्रा के जरूरी सामानों की डिलीवरी ठप होने की आशंका जताई जा रही है।
हड़ताल की मुख्य वजह: गिरती आय और सुरक्षा की मांग
डिलीवरी पार्टनर्स की इस नाराजगी के पीछे कई गंभीर कारण हैं, जिन्हें लेकर वे लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं:
- पे-आउट स्ट्रक्चर में बदलाव: वर्कर्स का आरोप है कि कंपनियां लगातार उनके प्रति ऑर्डर मिलने वाले कमीशन को घटा रही हैं, जिससे उनकी दैनिक आय में भारी गिरावट आई है।
- बढ़ती ईंधन की कीमतें: पेट्रोल के दाम बढ़ने के बावजूद कंपनियों ने फ्यूल एलाउंस (ईंधन भत्ता) में कोई सार्थक वृद्धि नहीं की है।
- लंबी शिफ्ट और काम का दबाव: नए साल जैसे विशेष अवसरों पर काम का बोझ कई गुना बढ़ जाता है, लेकिन उसके बदले मिलने वाले ‘इंसेंटिव’ (प्रोत्साहन राशि) को कम कर दिया गया है।
- सामाजिक सुरक्षा का अभाव: वर्कर्स बीमा कवर, दुर्घटना सहायता और बेहतर कार्य स्थितियों की मांग कर रहे हैं।
नए साल के ऑर्डर पर पड़ेगा सीधा असर
आमतौर पर 31 दिसंबर और 1 जनवरी को फूड डिलीवरी एप्स पर ऑर्डर्स की संख्या में 40 से 50 प्रतिशत तक का उछाल आता है। दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई और गुरुग्राम जैसे महानगरों में जहां लोग देर रात तक पार्टी करते हैं, वहां डिलीवरी सेवाओं का बंद होना जश्न का मजा किरकिरा कर सकता है। कई रेस्टोरेंट संचालकों ने भी चिंता जताई है कि यदि डिलीवरी बॉयज नहीं आए, तो उनके तैयार खाने की बर्बादी होगी।
कंपनियों का पक्ष और वैकल्पिक व्यवस्था
हालांकि अभी तक कंपनियों की ओर से इस हड़ताल पर कोई आधिकारिक बड़ा बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार कंपनियां कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में अतिरिक्त इंसेंटिव देकर वर्कर्स को काम पर बुलाने की कोशिश कर रही हैं। कुछ प्लेटफॉर्म्स ने अपने ग्राहकों को ऐप पर ‘सेवाओं में देरी’ या ‘डिलीवरी पार्टनर उपलब्ध नहीं हैं’ जैसे नोटिफिकेशन दिखाना शुरू कर दिया है।
श्रमिक संगठनों का रुख
गिग वर्कर्स एसोसिएशन (Gig Workers Association) का कहना है कि यह हड़ताल कंपनियों के ‘शोषणकारी रवैये’ के खिलाफ एक प्रतीकात्मक विरोध है। उनका कहना है कि वे भी त्योहार मनाना चाहते हैं, लेकिन अपनी बुनियादी मांगों को अनसुना किए जाने के कारण उनके पास सड़क पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
ग्राहकों के लिए सुझाव:
- जल्द करें ऑर्डर: यदि आप कुछ मंगवाना चाहते हैं, तो पीक आवर्स (शाम 7 बजे के बाद) से पहले ऑर्डर करने की कोशिश करें।
- स्थानीय दुकानों को प्राथमिकता: संभव हो तो पास के रेस्टोरेंट से स्वयं जाकर खाना लाएं।
धैर्य रखें: हड़ताल के कारण ऐप पर रिफंड या कैंसिलेशन की प्रक्रिया में भी देरी हो सकती है।





