वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों और समस्याओं से निपटने के लिए वक्फ संशोधन विशेयक में कई अहम प्रावधान कए गए हैं। वक्फ संशोधन विधेयक-2024 में वक्फ संपत्ति के नाम पर अतिक्रमण दंडनीय अपराध होगा। इसके चलते संपत्ति के संरक्षक को 6 महीने की सजा हो सकती है और 20 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। केंद्र सरकार ने 8 अगस्त, 2024 को लोकसभा में यह संशोधित विधेयक पेश किया था। विपक्ष के विरोध के कारण इसको संयुक्त संसदीय समिति को दिया गया था। जेपीसी ने सभी हितधारकों और मुस्लिम संस्थाओं के साथ कई दौर की बैठक की और दिल्ली से बाहर जा कर वक्फ संपत्तियों का मुआयना किया, राज्यों के वक्फ बोर्ड अधिकारियों से मिले। इस दौरान जेपीसी का कार्यकाल भी बढ़ाया गया। जेपीसी को शीतकालीन सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी, लेकिन फिर बजट सत्र के दूसरे चरण तक समय बढा दिया गया। जो चालीस संशोधन अल्पसंख्यक और विधि एवं न्याय मंत्रालय ने प्रस्तावित किए थे, उन पर धारा दर धारा विस्तार से चर्चा की गई। बोर्ड को संपत्ति दान करने वाला इस्लाम धर्म का अनुयायी होना चाहिए। वह कम से कम पांच साल से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो।किसी भी सरकारी संपत्ति को अब वक्फ की संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता। इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा।परिवार वक्फ जिसे वक्फ-अल-औलाद कहा जाता है, उसमें अब मुस्लिम महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार मिलेगा। महिलाओं को भी अपनी पैतृक व ससुराल की संपत्ति में उत्तराधिकार का अधिकार मिलेगा। विधवा, तलाकशुदा और अनाथ महिलाओं को अपनी पारिवारिक संपत्ति में हक मिलेगा।