प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियम में असम सरकार के ‘झुमोइर बिनंदिनी’ कार्यक्रम का हिस्सा बनते हुए असम के चाय उद्योग का जश्न मनाया। इस कार्यक्रम में असम के विभिन्न हिस्सों से आए 8,000 कलाकारों ने झुमोइर नृत्य का शानदार प्रदर्शन किया। यह नृत्य असम के चाय बागान श्रमिकों और आदिवासी समुदाय का अहम हिस्सा है, और इसकी शुरुआत 19वीं शताब्दी में चाय बागानों के स्थापित होने के समय हुई थी।
बता दें कि झुमोइर नृत्य श्रमिकों के लिए उनके दिनभर की मेहनत के बाद खुशी और एकता का प्रतीक है। आज यह असम के चाय समुदाय की पहचान बन चुका है। इस कार्यक्रम में 5,399 महिला नर्तक, 2,175 पुरुष नर्तक और 2,074 संगीतकार शामिल थे, जो पारंपरिक झूमर नृत्य का प्रदर्शन करने के लिए एक साथ आए थे। असम का चाय उद्योग 200 साल पुराना है और यह लाखों लोगों को रोजगार और आजीविका प्रदान करता है। अपनी खुशबूदार और रंगीन चाय के लिए यह उद्योग पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुमोइर बिनंदिनी कार्यक्रम की झलकियां एक्स पर साझा की और इसे शानदार अनुभव बताया। उन्होंने लिखा कि झुमोर बिनंदिनी का हर पल शुद्ध जादू था! यह एक ऐसा अनुभव था जिसने आत्मा को छू लिया। पीएम मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम ने असम चाय के 200 साल पूरे होने के जश्न को इतिहास, संस्कृति और भावनाओं से जोड़ते हुए खास बनाया। उन्होंने असम के चाय जनजातियों की संस्कृति और उनके अपनी भूमि से गहरे संबंध को भी सलाम किया। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी कलाकारों की सराहना की और असम की संस्कृति व परंपराओं को नमन किया।