नई दिल्ली: देश में अनुसंधान और नवाचार को नई दिशा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक लाख करोड़ रुपये की विशाल राशि जारी की। यह फंड उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालयों और शोध केंद्रों को दिया जाएगा ताकि देश के युवाओं को रिसर्च के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिले और वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बन सकें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि ज्ञान और नवाचार का केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने छात्रों, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों से आह्वान किया कि वे अपनी प्रतिभा का उपयोग देश के विकास के लिए करें। “रिसर्च में करियर बनाने का यह सही समय है। सरकार हर युवा को उसके विचारों को वास्तविक रूप देने में पूरा सहयोग देगी,” उन्होंने कहा।
सरकार द्वारा जारी यह फंड ‘राष्ट्रीय अनुसंधान कोष’ (National Research Foundation) के तहत वितरित किया जाएगा। इसका उद्देश्य देशभर में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, कृषि और सामाजिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में शोध परियोजनाओं को बढ़ावा देना है।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस राशि का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले प्रयोगशालाओं के निर्माण, रिसर्च स्कॉलरशिप, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग परियोजनाओं में किया जाएगा। इससे युवाओं को न केवल बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि उन्हें आर्थिक सहायता भी प्राप्त होगी ताकि वे बिना वित्तीय बाधा के अपने शोध कार्य जारी रख सकें।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फंड भारत को ‘रिसर्च पावरहाउस’ बनाने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा। इस योजना से आने वाले वर्षों में देश की इनोवेशन रैंकिंग और तकनीकी क्षमता दोनों में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है।





