देहरादून। देवभूमि के एक शांत गांव में भाई-भाई के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाली एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। मामूली विवाद ने ऐसा खूनी रूप अख्तियार किया कि बड़े भाई ने अपने ही सगे छोटे भाई पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। हमले में घायल युवक के हाथ इस कदर क्षत-विक्षत हो गए कि डॉक्टरों को उसकी जान बचाने के लिए अस्पताल में दोनों हाथ काटने पड़े। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
मामूली कहासुनी से शुरू हुआ खूनी खेल
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों भाइयों के बीच काफी समय से किसी घरेलू बात को लेकर मनमुटाव चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना के दिन बहस इतनी बढ़ गई कि बड़ा भाई अपना आपा खो बैठा और घर में रखी कुल्हाड़ी उठाकर छोटे भाई पर टूट पड़ा।
- बचाव की कोशिश पड़ी भारी: जब आरोपी ने वार किया, तो छोटे भाई ने अपना सिर बचाने के लिए दोनों हाथ आगे कर दिए। कुल्हाड़ी के प्रहार इतने घातक थे कि उसके हाथ बुरी तरह कटकर लटक गए।
- चीख-पुकार और दहशत: घर से आती चीखें सुनकर जब तक पड़ोसी मौके पर पहुँचे, छोटा भाई लहूलुहान होकर बेहोश हो चुका था और आरोपी मौके से फरार हो गया।
अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग
परिजनों ने आनन-फानन में घायल युवक को नजदीकी अस्पताल पहुँचाया, जहाँ उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
- सर्जरी का फैसला: डॉक्टरों की टीम ने पाया कि कुल्हाड़ी के गहरे जख्मों के कारण हाथों की नसें और हड्डियां पूरी तरह नष्ट हो चुकी थीं।
- संक्रमण का खतरा: युवक के शरीर में जहर (Infection) न फैले और उसकी जान बचाई जा सके, इसके लिए डॉक्टरों को भारी मन से उसके दोनों हाथ काटने का कड़ा फैसला लेना पड़ा।
- हालत स्थिर: फिलहाल युवक आईसीयू में भर्ती है, जहाँ उसकी हालत स्थिर लेकिन गंभीर बनी हुई है।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुँची और साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने आरोपी भाई के खिलाफ हत्या के प्रयास (धारा 307) सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
“यह एक बेहद दुखद और जघन्य घटना है। आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जा रही है। पारिवारिक विवाद में इस तरह का हिंसक व्यवहार स्वीकार्य नहीं है, कानून अपना काम सख्ती से करेगा।” — क्षेत्राधिकारी (पुलिस)
बिखर गया परिवार
इस वारदात ने हंसते-खेलते परिवार को उजाड़ दिया है। गांव के लोग स्तब्ध हैं कि कैसे एक सगा भाई दूसरे की जान का दुश्मन बन सकता है। पीड़ित युवक अब ताउम्र के लिए दिव्यांग हो गया है, जिससे परिवार के सामने भविष्य का संकट खड़ा हो गया है।





