पश्चिमी हिमालयी राज्यों में बर्फबारी और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में रिकॉर्ड बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पारा लुढ़कने से ठिठुरन बढ़ गई है। सड़क, रेल व हवाई यातायात बाधित हुआ है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में केदारनाथ तक बर्फ की सफेद चादर बिछी है। भारी हिमपात से इन राज्यों में लगभग सभी राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गए। इससे रास्ते में सैकड़ों वाहनों में हजारों सैलानी फंसे हैं। अब तक 10,000 से अधिक सैलानियों को सुरक्षित निकाला गया है।मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में शनिवार सुबह 8:30 बजे तक 24 घंटे में 41.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 101 वर्षों में दिसंबर में एक दिन में सबसे अधिक है। 3 दिसंबर, 1923 को 75.7 मिमी बारिश हुई थी। 1901 में रिकॉर्ड दर्ज किए जाने के बाद से इस दिसंबर में मासिक वर्षा के मामले में पांचवीं सबसे अधिक बारिश है। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री रहा, जिससे लोगों को हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का अहसास हुआ।एनसीआर से लेकर यूपी, मध्य प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान में भी पारा गिरा है। रविवार को तापमान 2-3 डिग्री और गिर सकता है। घने कोहरे की भी संभावना है। बारिश ने प्रदूषण से राहत दी है। शनिवार शाम दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 135 रहा। शुक्रवार को एक्यूआई 300 से अधिक था। सेना ने गुलमर्ग में फंसे 68 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला है। श्रीनगर-सोनमर्ग हाईवे बंद होने से फंसे पंजाब के सैलानियों को स्थानीय लोगों ने रात में एक मस्जिद में ठहराया। खराब मौसम के कारण श्रीनगर हवाईअड्डे से शनिवार को सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। बनिहाल-बारामुला खंड पर ट्रेनों का संचालन रोकना पड़ा। कुलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग, जोजीला, पहलगाम, गुरेज में डेढ़ फीट तक बर्फबारी हुई। श्रीनगर-जम्मू व श्रीनगर-लेह राजमार्ग बंद करना पड़ा है।
हिमाचल में रोहतांग दर्रे में पांच फीट बर्फबारी हुई। अटल टनल के पास और छितकुल में 3 फीट बर्फ गिरी। मनाली पुलिस ने सोलंगनाला से 2,000 वाहनों में फंसे करीब 10 हजार सैलानियों को मनाली पहुंचाया। प्रदेश में तीन राजमार्ग व 150 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ व चमोली-कुंड हाईवे को बंद करना पड़ा है। चीन की सीमा तक जाने वाले जोशीमठ-नीति राजमार्ग को भी बंद करना पड़ा है।