माइक के चालू होने के बाद जब राहुल गांधी ने फिर से बोलना शुरू किया तो उन्होंने कहा कि इस देश में जो भी दलितों और पिछड़ों की बात करता है, उसका माइक इसी तरह से बंद हो जाता है। राहुल ने कहा कि चाहे कितने भी माइक बंद कर लो, लेकिन मुझे कोई भी बोलने से नहीं रोक सकता। कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की मांग फिर दोहराई। उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष उद्योगपतियों में कोई भी दलित, पिछड़ा या आदिवासी वर्ग से नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि ‘कुछ दिन पहले हमने तेलंगाना में जातिगत जनगणना से जुड़ा काम शुरू किया। इसमें जो सवाल पूछे जा रहे हैं, वो प्रदेश के दलितों, पिछड़ों, गरीबों ने मिलकर तय किए हैं। मतलब तेलंगाना की जनता ने जातीय जनगणना का प्रारूप डिजाइन किया है। ये एक ऐतिहासिक कदम है। हमारी जहां भी सरकार होगी, हम इसी पैटर्न से जातिगत जनगणना करेंगे।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, ये हिंदुस्तान की हजारों साल की सोच है। इसमें गांधी जी, आंबेडकर, भगवान बुद्ध, फुले जैसे महान लोगों की आवाज है, लेकिन सावरकर की आवाज नहीं है। संविधान में कहीं नहीं लिखा कि हिंसा का प्रयोग करना चाहिए। किसी को मारना या डराना चाहिए। झूठ बोलकर सरकार चलानी चाहिए’।