कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग (ECI) और भाजपा पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ 25 सीटों के अंतर से तीसरी बार सत्ता में आए और इसमें चुनाव आयोग ने भाजपा की मदद की।
राहुल ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के महादेवपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता आंकड़े कांग्रेस को नहीं दिए जा रहे। उनका कहना है कि अन्य सीटों पर भी यही स्थिति है, और यदि डेटा सामने आ जाए तो “लोकतंत्र की सच्चाई” उजागर हो जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सीसीटीवी और वेबकास्टिंग फुटेज को केवल 45 दिन तक सुरक्षित रखकर सबूत नष्ट करने का प्रयास कर रहा है, जबकि इसी अवधि में अदालत में चुनाव परिणाम को चुनौती दी जा सकती है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
कर्नाटक और महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों पर राज्य निर्वाचन अधिकारियों ने राहुल गांधी से शपथ-पत्र और प्रमाण पेश करने को कहा है।
भाजपा का जवाब
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कानूनी आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई और कोई चुनाव याचिका क्यों नहीं दायर की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयानों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है और पार्टी नतीजों के आधार पर आयोग को चुनिंदा रूप से निशाना बना रही है।