नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने अब अपने ‘स्टार प्रचारकों’ की पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर ली है। राहुल गांधी के लगातार प्रचार अभियानों के बाद अब प्रियंका गांधी वाड्रा भी मैदान में उतरेंगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रियंका नवंबर के पहले सप्ताह से कई राज्यों में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगी। वहीं, हाल ही में सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी सीमित अवधि में कई रैलियों और जनसभाओं में हिस्सा लेंगे।
पार्टी ने बताया कि प्रियंका गांधी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे प्रमुख चुनावी राज्यों में 10 से अधिक रैलियां करने जा रही हैं। राहुल गांधी पहले ही इन राज्यों में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत जनता के बीच सक्रिय हैं। अब प्रियंका के जुड़ने से कांग्रेस अपने प्रचार अभियान को और अधिक सशक्त बनाने की रणनीति अपना रही है।
सूत्रों के अनुसार, प्रियंका गांधी की पहली रैली मध्य प्रदेश के ग्वालियर या जबलपुर में होने की संभावना है। इसके बाद वे राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में जनसभाएं करेंगी। प्रियंका के भाषणों का फोकस महिलाओं, किसानों और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर रहेगा।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, जो हाल ही में आंख की सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ पर थे, अब दोबारा सक्रिय हो रहे हैं। पार्टी नेताओं ने बताया कि डॉक्टरों की सलाह के अनुसार वे सीमित लेकिन महत्वपूर्ण चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। खरगे अगले सप्ताह से राजस्थान, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में मंच साझा करेंगे।
कांग्रेस की रणनीति है कि राहुल, प्रियंका और खरगे—तीनों नेताओं की उपस्थिति से पार्टी का संदेश हर क्षेत्र में मजबूत तरीके से पहुंचे। पार्टी प्रचार अभियान को ‘जन न्याय और विकास’ के एजेंडे पर केंद्रित कर रही है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “राहुल गांधी जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं, प्रियंका गांधी महिला मतदाताओं को जोड़ने की दिशा में बड़ा रोल निभाएंगी, जबकि खरगे जी का अनुभव और संगठनात्मक पकड़ पार्टी को मजबूती देगा।”
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की यह संयुक्त रणनीति भाजपा के खिलाफ एकजुटता का संकेत है और इससे पार्टी का चुनावी उत्साह बढ़ सकता है।
इस तरह, राहुल के बाद अब प्रियंका और खरगे की सक्रियता से कांग्रेस ने चुनावी मैदान में पूरी ताकत झोंकने का साफ संकेत दे दिया है।





