अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। ऐसे में, रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की तरफ से कमला हैरिस मैदान में हैं। हालांकि, यह निश्चित नहीं है, लेकिन बहुत संभावना है कि भारतीय मूल की हैरिस अब नवंबर में पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रंप का सामना करने के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार होंगी। दोनों प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इस बीच मंगवार को एक सर्वे सामने आया, जिसमें हैरिस को ट्रंप पर बढ़त दिखाई गई है। रॉयटर्स/इप्सोस के पोल में हैरिस ने ट्रंप के ऊपर दो प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। यह पोल जो बाइडन के राष्ट्रपति चुनावी अभियान से हटने की घोषणा के बाद सोमवार और मंगलवार को किया गया है। इससे पहले रविवार को राष्ट्रपति बाइडन ने सभी को चौंकाते हुए चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी। 27 जून को डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बहस में खराब प्रदर्शन के बाद उनके ऊपर लगातार चुनाव न लड़ने का दबाव बना हुआ था।
अब ताजा सर्वे में कमला हैरिस को 44 प्रतिशत समर्थन हासिल है, जबकि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 42 प्रतिशत लोगों ने समर्थन किया। हैरिस को बढ़त दिलाने वाला नया सर्वे ऐसे समय में आया है, जब उनके अभियान का कहना है कि उन्होंने डेमोक्रेटिक नामांकन के लिए जरूरी समर्थन हासिल कर लिया है। इसके पहले 15-16 जुलाई के सर्वेक्षण में हैरिस और ट्रंप 44 प्रतिशत पर बराबर थे और एक-दो जुलाई के सर्वेक्षण में डोनाल्ड ट्रंप एक प्रतिशत अंक से आगे थे।
राष्ट्रीय सर्वेक्षण से ये पता चलता है कि हैरिस के समर्थन में वृद्धि हो रही है। हालांकि, ट्रंप के अभियान ने हैरिस की बढ़त को महत्वपूर्ण नहीं बताया।रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण कर्ता टोनी फैब्रीजियों का कहना है कि हैरिस की लोकप्रियता में हो रही वृद्धि संभवतः कुछ समय के लिए होगी। नेशनल सर्वे राजनीतिक उम्मीदवारी के लिए अमेरिकी लोगों के मूड के बारे में महत्वपूर्ण संकेत देते हैं। हालिया सर्वे में 56 प्रतिशत मतदाता ये मानते हैं कि 59 वर्षीय हैरिस मानसिक रूप से तेज और चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं, जबकि 78 प्रतिशत ट्रंप के बारे में 49 प्रतिशत मतदाताओं की ये राय है। केवल 22 प्रतिशत मतदाता बाइडन के बारे में ऐसा सोचते हैं। डोनाल्ड ट्रंप के सामने 81 वर्षीय बाइडन की उम्र और उनकी क्षमताओं को लेकर अमेरिकी मतदाता संशय जाहिर कर रहे थे। यही बात अब कमला हैरिस के पक्ष में जाती हैं और उम्र को लेकर दबाव अब ट्रंप के ऊपर होगा।