देहरादून। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर गुरुवार को राज्यपाल भवन में राष्ट्रीय एकता दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश की एकता और अखंडता के निर्माण में उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने ही ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के उस सपने को साकार किया, जिसकी बुनियाद पर आज आधुनिक भारत खड़ा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान और पुष्पांजलि के साथ हुआ। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद रियासतों का एकीकरण भारत के इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक था, और यह कार्य सरदार पटेल की अदम्य इच्छाशक्ति, दूरदर्शिता और संगठन क्षमता के कारण संभव हो पाया। “अगर उस समय पटेल जैसा नेतृत्व न होता, तो शायद भारत आज इतने मज़बूत रूप में एकजुट न होता,” उन्होंने कहा।
राज्यपाल ने युवाओं से सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एकता केवल भौगोलिक सीमाओं से नहीं, बल्कि विचारों और भावनाओं के समरसता से बनती है। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए हर नागरिक को एकता, अनुशासन और सेवा भाव के साथ कार्य करना होगा।
कार्यक्रम में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षाविदों और विद्यार्थियों ने भाग लिया। सभी ने ‘रन फॉर यूनिटी’ की भावना के तहत एकता की शपथ ली। इस अवसर पर सरदार पटेल के जीवन, उनके योगदान और स्वतंत्र भारत के निर्माण में निभाई गई उनकी भूमिका पर आधारित लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय एकता दिवस देशभर में जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। यह केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि भारत की एकता, संप्रभुता और सांस्कृतिक विरासत के सम्मान का प्रतीक बन चुका है।
कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे समाज में भाईचारा और सद्भाव बनाए रखने के लिए अपने स्तर पर प्रयास करें और सरदार पटेल के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाएं।





