पाकिस्तान की सियासत में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नाम से सियासत तेज है। जहां पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इमरान खान की वफादारी पर सवाल उठाते हु्ए निशाना साधा है। उन्होंने खान पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका से विदेशी हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं, जबकि उन्होंने पहले इस तरह की बातों को नकारा था।आसिफ ने कहा कि खान अमेरिका से मदद की भीख मांगने वाले पहले राजनेता हैं। उन्होंने कहा कि एक समय इमरान खान ने कहा था कि गुलामी अस्वीकार्य है और अब कह रहे हैं गुलामी को तुरंत स्वीकार करना चाहिए। इसके साथ ही आसिफ ने खान की वफादारी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस व्यक्ति का इतिहास क्या रहा है? कोई मुझे बताए कि वह किसके प्रति वफादार रहा है? यहां तक कि उसकी अपनी पार्टी के लोग भी यह नहीं बता सकते कि वह किसके प्रति वफादार था।इसके सात ही आसिफ ने पीटीआई के अचानक बदले हुए रुख पर भी सवाल उठाया और पूछा कि पिछले 15 दिनों में ऐसा क्या हुआ कि पीटीआई बातचीत के लिए तैयार हो गई? क्या यह कोई जादू था? उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत की प्रक्रिया में सभी प्रमुख ताकतों को शामिल करना जरूरी है, ताकि एक संतुलित और समावेशी दृष्टिकोण सुनिश्चित हो सके।
आसिफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ उनके मतभेदों के बावजूद, वे लोकतंत्र के चार्टर का सम्मान करते हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री के विशेष सहायक राणा सनाउल्लाह ने भी कहा था कि इमरान खान, नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी को मिलकर पाकिस्तान की समस्याओं का हल निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों का समाधान केवल बातचीत के जरिए किया जा सकता है।