पंजाब, हरियाणा और दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी क्षेत्रों से लेकर मध्य, पूर्व और दक्षिण भारतीय राज्य केरल तक 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं। अभी दो से चार दिन इन राज्यों को राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि पारा और चढ़ने वाला है। वहीं, पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश हो रही है। सिक्किम में मूसलाधार बारिश के बाद जगह-जगह हुए भूस्खलन में सैकड़ों वाहनों के साथ एक हजार से अधिक सैलानी जहां-तहां फंस गए हैं। पश्चिम बंगाल में शनिवार से मौसम बदलने की संभावना है और कुछ स्थानों पर आंधी तूफान के साथ बारिश हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, पूर्वी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ में अलग-अलग स्थानों पर लू चल रही है। रात में भी राहत नहीं मिल रही है। राजस्थान और पंजाब के अलग-अलग इलाकों में 1 मई तक, हरियाणा और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 29 अप्रैल तक लू की स्थिति बनी रह सकती है। पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और ओडिशा के कुछ हिस्सों में भी लू चलेगी। इसके अलावा, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे, तटीय कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश और यमन, रायलसीमा और गुजरात में 30 अप्रैल तक भीषण गर्मी बनी रहने की संभावना है। आईएमडी के मुताबिक, मध्य क्षोभमंडल स्तर पर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। जम्मू-कश्मीर और उसके आसपास के क्षेत्रों में निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर एक चक्रवाती परिसंचरण भी बना हुआ है। इसके प्रभाव से शनिवार को भी पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के राज्यों जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अलग-अलग जगहों पर गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं और कुछ स्थानों पर बिजली गिरने का भी डर है।
मराठवाड़ा के उत्तरी भागों से मन्नार की खाड़ी तक और सिक्किम से दक्षिण-पश्चिम बांग्लादेश तक एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से अरुणाचल प्रदेश, असम और मिजोरम समेत पूर्वोत्तर के सभी सातों राज्यों में अगले सात दिनों के दौरान गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। अलग-अलग जगहों पर बिजली भी गिर सकती है।