भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के बावजूद इसरो के सबसे शक्तिशाली रॉकेट ‘बाहुबली’ यानी GSLV Mk-III ने उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा (ऑर्बिट) में स्थापित कर दिया। यह प्रक्षेपण सोमवार सुबह निर्धारित समय पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया।
तेज हवाओं और बादलों के बावजूद वैज्ञानिकों ने तकनीकी सटीकता के साथ रॉकेट लॉन्च किया। प्रक्षेपण के कुछ ही मिनटों बाद इसरो ने पुष्टि की कि उपग्रह सफलतापूर्वक अपनी निर्धारित कक्षा में स्थापित हो गया है। इस मिशन की सफलता से भारत की अंतरिक्ष तकनीक में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो टीम को बधाई देते हुए कहा, “मौसम की बाधाओं को पार कर हमारे वैज्ञानिकों ने एक बार फिर अपने साहस और कौशल का परिचय दिया है। यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की मजबूती का प्रमाण है।” उन्होंने कहा कि यह प्रक्षेपण ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को और प्रबल करता है।
इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने मिशन की सफलता पर टीम को शुभकामनाएं देते हुए बताया कि लॉन्च के दौरान मौसम की स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण बनी हुई थी, लेकिन ग्राउंड कंट्रोल और लॉन्च पैड की टीम ने बेहतरीन समन्वय के साथ इसे सफल बनाया। उन्होंने कहा कि इसरो का अगला लक्ष्य आने वाले महीनों में सात नए मिशनों को अंजाम देना है।
बताया जा रहा है कि यह उपग्रह संचार, मौसम पूर्वानुमान और पृथ्वी अवलोकन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराएगा। मिशन के सफल प्रक्षेपण से भारत की अंतरिक्ष संचार क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।
अंतरिक्ष विशेषज्ञों के अनुसार, इस सफलता ने भारत को उन चुनिंदा देशों की पंक्ति में और मजबूत किया है जो कठिन मौसम परिस्थितियों में भी अत्याधुनिक रॉकेट प्रक्षेपण करने में सक्षम हैं। इसरो की यह उपलब्धि देश की वैज्ञानिक प्रगति का एक और उज्ज्वल प्रतीक बन गई है।
मौसम खराब के बाद भी ‘बाहुबली’ ने प्रक्षेपण को बनाया सफल, पीएम मोदी ने दी बधाई; ऑर्बिट में पहुंचा उपग्रह





