Friday, July 26, 2024

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मॉरीशस और श्रीलंका में यूपीआई सेवाओं की शुरूआत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री रानिल विक्रमसिंघे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जुगनाथ के साथ संयुक्त रूप से श्रीलंका और मॉरीशस में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सेवाओं और मॉरीशस में रुपे कार्ड सेवाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया।

मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जुगनाथ ने बताया कि सह-ब्रांडेड रुपे कार्ड को मॉरीशस में घरेलू कार्ड के रूप में नामित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इसके शुभारंभ से दोनों देशों के नागरिकों को काफी सुविधा होगी।

श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री रानिल विक्रमसिंघे ने अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर के प्रतिष्ठापन के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी को बधाई दी। उन्होंने दोनों देशों के बीच सदियों पुराने आर्थिक संबंधों पर भी जोर दिया। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने दोनों देशों के बीच जुड़ाव की गति बनाए रखने और संबंधों को मजबूत करने की उम्मीद जताई।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज तीन मित्र देशों भारतश्रीलंका और मॉरीशस के लिए विशेष दिन है, क्योंकि आज उनके ऐतिहासिक संबंध आधुनिक डिजिटल संबंध का रूप ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लोगों के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि फिनटेक कनेक्टिविटी सीमा पार लेनदेन और संबंधों को पहले से और मजबूत करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का यूपीआई या यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस आज एक नई भूमिका– ‘भारत के साथ साझेदारों को एकजुट करना’ में आ गया है।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे ने भारत में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है, जहां दूरदराज के गांवों में सबसे छोटे विक्रेता यूपीआई के माध्यम से लेनदेन और डिजिटल भुगतान कर रहे हैं। यूपीआई लेनदेन की सुविधा और इसकी गति के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल यूपीआई के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपये यानि 8 ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपये यानि एक ट्रिलियन मॉरीशस रुपये के 100 अरब से अधिक लेनदेन हुए। प्रधानमंत्री ने बैंक खातोंआधार और मोबाइल फोन की जीईएम ट्रिनिटी के माध्यम से अंतिम छोर तक वितरण करने का भी उल्लेख कियाजहां 34 लाख करोड़ रुपये या 400 अरब अमेरिकी डॉलर लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि कोविन प्लेटफॉर्म के साथ भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चलाया। उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी के उपयोग से पारदर्शिता को बढ़ावा मिल रहा हैभ्रष्टाचार कम हो रहा है और समाज में समावेशिता बढ़ रही है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत की नीति ‘सबसे पहले पड़ोसी’ वाली है। हमारी समुद्री दृष्टि सागर (एसएजीएआर) है यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास। भारत अपने विकास को अपने पड़ोसियों के विकास से अलग करके नहीं देखता है।

श्रीलंका के राष्ट्रपति की पिछली यात्रा के दौरान अपनाए गए विज़न दस्तावेज़ का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इसके प्रमुख घटक के रूप में मजबूत वित्तीय संबंधों पर प्रकाश डाला। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ के साथ भी ये चर्चाएं की गईं क्योंकि वह जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान विशेष अतिथि थे।

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यूपीआई से जुड़ने से श्रीलंका और मॉरीशस को लाभ होगा और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिलेगास्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में सकारात्मक बदलाव आएगा तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि भारतीय पर्यटक यूपीआई वाले देशों को प्राथमिकता देंगे। श्रीलंका और मॉरीशस में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों और वहां पढ़ने वाले छात्रों को भी इससे विशेष लाभ मिलेगा।” प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बात पर खुशी जताई कि एशिया में नेपालभूटानसिंगापुर और खाड़ी देशों के यूएई के बाद अब मॉरीशस से अफ्रीका में रुपे कार्ड लॉन्च किया जा रहा है। इससे मॉरीशस से भारत आने वाले लोगों को भी सुविधा होगी। इससे हार्ड करेंसी खरीदने की जरूरत भी कम हो जाएगी। यूपीआई और रुपे कार्ड प्रणाली हमारी अपनी मुद्रा में वास्तविक समयलागत प्रभावी और सुविधाजनक भुगतान सक्षम करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में हम सीमा पार रुपए का लेन-देन यानी पर्सन टू पर्सन (पी2पी) भुगतान सुविधा की ओर बढ़ सकते हैं।

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