इस साल लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में संकटग्रस्त कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (65) ने सोमवार को उन खबरों के बीच पार्टी छोड़ दी कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं l वह 2008 और 2010 के बीच दो बार सीएम रहे और मराठवाड़ा क्षेत्र में बड़े अनुयायियों के साथ एक शक्तिशाली और प्रभावशाली मराठा नेता हैं, जिसका मुख्य कारण उनके पिता एसबी चव्हाण की सद्भावना है, जो दो बार सीएम भी थे और केंद्रीय गृह मंत्री थे।
कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि चव्हाण कांग्रेस से बाहर हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने पहले ऐसी सभी खबरों का जोरदार खंडन किया था। उनके जाने से मराठवाड़ा क्षेत्र में पार्टी के पास कोई प्रमुख चेहरा नहीं रह गया है। जबकि मराठावाड कांग्रेस इकाई चव्हाण के फैसले से स्तब्ध थी, पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के अनुसार, उन्हें एहसास हो गया था कि यह तय है।
मराठवाड़ा क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण रूप से ताकत है। यदि वे भाजपा के साथ जुड़ते हैं, तो आगामी लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में भाजपा को और भी ताकत मिल सकती है। साथ ही, यह भी जानकारी सामने आ रही है कि भाजपा उन्हें राज्यसभा के सांसद के रूप में भेज सकती है।