वर्ष 2019 में दुनिया भर में मेनिनजाइटिस के करीब 25 लाख मामले सामने आए थे, जिनमें से 16 लाख बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस के थे। यह बीमारी हर साल लगभग 2.4 लाख लोगों की जान लेती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहली बार मेनिनजाइटिस की पहचान, उपचार और देखभाल को लेकर वैश्विक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनका उद्देश्य इस जानलेवा बीमारी की समय पर पहचान, प्रभावी इलाज और मरीजों को बेहतर देखभाल उपलब्ध कराना है जिससे इससे होने वाली मौतों और अपंगता को कम किया जा सके।डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इन नए दिशा-निर्देशों के जरिए सालाना लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।2030 तक बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य : डब्ल्यूएचओ की यह पहल संयुक्त राष्ट्र के उस लक्ष्य का हिस्सा है जिसमें 2030 तक मेनिनजाइटिस को खत्म करने की योजना है। इसमें वैक्सीन से रोके जा सकने वाले मामलों में 50 फीसदी और मौतों में 70 फीसदी की कमी का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही बीमारी से होने वाली विकलांगता को भी कम करना है।