Thursday, November 20, 2025

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मास्टरमाइंड की तलाश, डिजिटल जोन भी जांच के घेरे में

उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी परीक्षा घोटाले की जांच तेजी पकड़ रही है और पुलिस तथा विशेष जांच टीम (एसटीएफ) ने नकल गिरोह के कथित मास्टरमाइंड और नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश तेज कर दी है। नैनीताल पुलिस ने एसएससी परीक्षा में नकल कराने की कोशिश कर रहे गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो प्रमुख सरगना भी शामिल बताए जा रहे हैं। आरोप है कि गिरोह ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने वाले डिजिटल जोन का दुरुपयोग कर अभ्यर्थियों को मदद पहुँचाने की तैयारी कर रहा था।
एसटीएफ ने अलग कार्रवाई में कथित पेपर लीक गिरोह के मास्टरमाइंड हाकम सिंह और उनके सहयोगी पंकज गौड़ को देहरादून से गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि इन दोनों ने छह उम्मीदवारों से संपर्क कर 12 से 15 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने की सौदेबाजी की थी। यह एक संगठित और व्यापक नेटवर्क का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें कमीशन के आधार पर परीक्षा परिणाम प्रभावित किए जाने का आरोप है।
जांच के दौरान हाकम सिंह की संपत्तियाँ भी जब्त कर ली गई हैं और तहसीलदार को रिसीवर नियुक्त किया गया है। इससे यह संकेत मिलता है कि इस घोटाले के पीछे न केवल परीक्षा में हेरफेर, बल्कि एक मजबूत आर्थिक ढांचा भी सक्रिय था। पुलिस ने अब इस नेटवर्क की गहन पड़ताल शुरू कर दी है और डिजिटल जोन संचालकों की भूमिका भी जांच के तहत लाई गई है, क्योंकि इन केंद्रों में तकनीकी उपकरणों की मदद से धोखाधड़ी की आशंका अधिक रहती है। ऐसे केंद्रों की पहचान की जा रही है जहाँ परीक्षा के दौरान निगरानी व्यवस्था कमजोर रही हो या तकनीकी नियंत्रण में खामियाँ पाई गई हों।

देहरादून पुलिस और एसटीएफ इस मामले की परतें खोलने में जुटी हैं और आगे और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है। इस प्रकरण के बाद परीक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें डिजिटल निगरानी बढ़ाना, परीक्षा केंद्रों की मान्यता के मानदंड सख्त करना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना शामिल है। साथ ही अभ्यर्थियों और अभिभावकों के बीच परीक्षा की ईमानदारी और नैतिकता को लेकर जागरूकता बढ़ाने की भी जरूरत महसूस की जा रही है।
यह घोटाला स्पष्ट करता है कि नकल माफिया केवल उम्मीदवारों या बाहरी दलालों तक सीमित नहीं है, बल्कि कई स्तरों पर फैला एक संगठित तंत्र है। यदि पुलिस और एसटीएफ अपने प्रयासों में सफल होती हैं, तो यह कार्रवाई न केवल इस नेटवर्क को तोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी, बल्कि राज्य की परीक्षा प्रणाली में जनता का भरोसा बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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