उत्तराखंड की महिलाओं के सशक्तिकरण में जेंडर बजट की भूमिका साल-दर-साल बढ़ रही है, यही वजह है कि सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में जेंडर बजट में 16 फीसदी की वृद्धि की है। इसके तहत सभी 57 विभागों में जेंडर बजट सेल बनाया जाना तय है, जिनमें 19 विभागों में यह सेल गठित हो चुका है। यह जानकारी महिला सशक्तिकरण विभाग ने विकसित और सशक्त उत्तराखंड के लिए महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में दी। संगोष्ठी का आयोजन सेतु आयोग ने आईआरडीटी सभागार में किया। सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी ने कहा कि आर्थिक अवसरों, उद्यमिता और नीति-निर्माण में राज्य की महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता के प्रति आयोग प्रतिबद्ध है। राज्य में महिला सशक्तिकरण की नई योजनाओं परत काम चल रहा है, जिनमें कुछ जल्द धरातल पर होंगी। संगोष्ठी में पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम में ग्रामीण विकास सचिव राधिका झा, सेतु आयोग की सलाहकार डॉ. भावना शिंदे, महिला सशक्तिकरण विभाग की अधिकारी आरती बलोदी, यूएन विमेन के प्रतिनिधि आतिफ जंग और स्वयं सहायता समूह से साधना, नर्वता रावत, रंजना रावत, शशि घिड़ियाल, कोमल, दीक्षा आदि उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि आयोग ने देवभूमि की महिलाओं को सशक्त करने व उन्हें हर क्षेत्र में मजबूती दिलाने के लिए उत्तराखंड में महिला नीति को तैयार किया है, ताकि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र की अंतिम महिला को भी सशक्त किया जा सके। इस नीति को बनाने के लिए आयोग ने हर विषय के विशेषज्ञ के साथ बारीकी से चर्चा के बाद मसौदा तैयार किया है।