मुंबई।
महाराष्ट्र सरकार ने श्रम कानूनों में बड़ा बदलाव करते हुए प्राइवेट सेक्टर में कर्मचारियों की ड्यूटी टाइमिंग में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब राज्य में निजी कंपनियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कर्मचारी 8 घंटे के बजाय 10 घंटे तक काम कर सकेंगे। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
ओवरटाइम नियमों में बदलाव
नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को लंबे शिफ्ट में काम करना होगा, लेकिन इसके साथ ही ओवरटाइम को लेकर भी संशोधन किया गया है। अब कंपनियों को तय सीमा से अधिक काम कराने पर कर्मचारियों को अतिरिक्त भुगतान करना अनिवार्य होगा। सरकार का दावा है कि इससे कार्य संस्कृति को लचीलापन मिलेगा और उद्योगों को भी वैश्विक मानकों के हिसाब से काम करने का मौका मिलेगा।
कैबिनेट का तर्क
राज्य सरकार का कहना है कि उद्योग और निवेश बढ़ाने के लिए यह कदम जरूरी था। कई बार कंपनियों को प्रोजेक्ट डेडलाइन पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय तक कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है। ऐसे में 10 घंटे की शिफ्ट से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और रोजगार में लचीलापन आएगा।
श्रमिक संगठनों की चिंता
हालांकि, श्रमिक संगठनों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि 10 घंटे की शिफ्ट कर्मचारियों के स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन पर प्रतिकूल असर डालेगी। उन्होंने मांग की है कि सरकार ओवरटाइम भुगतान की पारदर्शिता और कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
अभी लागू होने में समय
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब यह संशोधन विधानसभा में पारित कर लागू किया जाएगा। उद्योग जगत ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन श्रमिक संगठनों का विरोध जारी है।