मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आयोग लोकतंत्र की हत्या का जिम्मेदार बनता जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि कई राज्यों में मतदाता सूचियों में अनियमितताएँ बढ़ती जा रही हैं और आयोग इस पर आवश्यक कार्रवाई नहीं कर रहा है। राहुल गांधी के इस बयान से राजनीतिक माहौल में नई तीखी बहस छिड़ गई है, खासकर पश्चिम बंगाल में जहां पहले से ही राजनीतिक तनाव चरम पर है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में वैध मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, जबकि फर्जी नाम जोड़ने की शिकायतें भी लगातार सामने आ रही हैं। उनका कहना है कि यह स्थिति चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाती है और लोकतंत्र की मूल भावना को कमजोर करती है। उन्होंने चुनाव आयोग से पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने की मांग की।
बंगाल में इस बयान को लेकर सियासी टकराव और बढ़ गया है। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा पहले से ही एक-दूसरे पर मतदाता सूचियों में हेरफेर करने के आरोप लगा रही हैं। राहुल गांधी का बयान इस विवाद को नए स्तर पर ले गया है। टीएमसी ने कहा है कि केंद्र सरकार के दबाव में आयोग राज्य में निष्पक्षता से काम नहीं कर पा रहा। वहीं, भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी जमीन खोने के डर से संस्थानों पर हमला कर रही है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर ऐसी बयानबाजी आने वाले महीनों में और अधिक तीव्र हो सकती है। आयोग ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बढ़ते आरोपों ने चुनावी प्रक्रिया को लेकर चिंता जरूर बढ़ा दी है।





