इंफाल: मणिपुर में पिछले कई महीनों से जारी जातीय हिंसा के कारण अपना घर-बार छोड़ चुके लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है। राज्य के मुख्य सचिव डॉ. विनीत जोशी ने जानकारी दी है कि प्रशासन ने अब तक 10,000 से अधिक विस्थापित लोगों को उनके मूल निवास स्थानों या सुरक्षित नए आवासों में सफलतापूर्वक पुनर्वासित (Rehabilitated) कर दिया है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में राहत शिविरों में रह रहे प्रत्येक नागरिक को सम्मानजनक जीवन और सुरक्षित छत वापस दी जाए।
पुनर्वास प्रक्रिया और बुनियादी सुविधाएं
मुख्य सचिव के अनुसार, पुनर्वास की यह प्रक्रिया अत्यंत चुनौतीपूर्ण थी, जिसे सुरक्षा बलों और जिला प्रशासन के समन्वय से पूरा किया गया है।
- नए आवासों का निर्माण: जिन लोगों के घर पूरी तरह जल गए थे या नष्ट हो गए थे, उनके लिए सरकार ने ‘प्री-फैब्रिकेटेड’ (Pre-fabricated) घरों का निर्माण किया है।
- बुनियादी आवश्यकताएं: पुनर्वासित क्षेत्रों में बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और बच्चों के लिए नजदीकी स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
- आर्थिक सहायता: विस्थापित परिवारों को अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए सरकार द्वारा तय वित्तीय सहायता राशि भी सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जा रही है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पुनर्वासित किए गए क्षेत्रों में दोबारा हिंसा न भड़कने पाए, इसके लिए सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की संयुक्त चौकियां स्थापित की गई हैं। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए इन क्षेत्रों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है ताकि ग्रामीण बिना किसी डर के अपनी खेती-किसानी और व्यवसाय शुरू कर सकें।
विश्वास बहाली की कोशिशें
सरकार केवल शारीरिक पुनर्वास पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता बहाल करने पर भी जोर दे रही है। इसके लिए स्थानीय समुदायों और शांति समितियों (Peace Committees) के साथ निरंतर संवाद किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि पुनर्वास की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि दोनों समुदायों के बीच विश्वास की खाई को भरा जाए। प्रशासन ऐसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रहा है जहाँ सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है।
राहत शिविरों में अब भी जारी है काम
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि यद्यपि 10,000 लोगों को घर मिल गया है, लेकिन अभी भी एक बड़ी आबादी राहत शिविरों में रह रही है। सरकार दूसरे चरण के तहत अगले 15,000 लोगों के पुनर्वास की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जब तक अंतिम विस्थापित व्यक्ति का पुनर्वास नहीं हो जाता, तब तक सरकार चैन से नहीं बैठेगी।
पुनर्वास रिपोर्ट के मुख्य अंश:
- सफलता: 10,000 लोगों को शिविरों से निकालकर स्थायी या अस्थायी घरों में भेजा गया।
- प्राथमिकता: बुनियादी ढांचे का विकास और आजीविका के साधनों की बहाली।
निगरानी: सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘बफर जोन’ और पुलिस चौकियों का नेटवर्क तैयार।





