नई दिल्ली। भारत और सिंगापुर के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ रहे हैं और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक सहयोग का रास्ता तय किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री वोंग ने विशेष रूप से सेमीकंडक्टर, सप्लाई चेन रेजिलिएंस, डिजिटल इनोवेशन और हरित ऊर्जा को सहयोग के प्रमुख क्षेत्र बताया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर भारत के साथ मिलकर ऐसे क्षेत्रों में काम करना चाहता है, जहाँ दोनों देशों की ताकतें एक-दूसरे को पूरक बनाती हैं। “भारत तकनीकी नवाचार और विशाल उपभोक्ता बाजार का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि सिंगापुर वित्तीय हब और वैश्विक व्यापार का मजबूत केंद्र है। इस साझेदारी से दोनों देशों को ही नहीं, पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र को लाभ मिलेगा,” उन्होंने कहा।
बैठक के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य और स्टार्टअप इकोसिस्टम में भी साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच विश्वास और साझा मूल्यों पर आधारित रिश्ते न केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित हैं, बल्कि सांस्कृतिक और मानवीय जुड़ाव भी उतने ही मजबूत हैं।
प्रधानमंत्री वोंग ने यह भी उल्लेख किया कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका लगातार बढ़ रही है और सिंगापुर इस साझेदारी को और गहराई देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर भारत और सिंगापुर साथ मिलकर काम करेंगे।
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत-सिंगापुर संबंधों का यह नया अध्याय दोनों देशों को वैश्विक सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बना सकता है और सेमीकंडक्टर जैसे रणनीतिक क्षेत्र में सहयोग से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को नई गति मिलेगी।