भारत के मीडिया और मनोरंजन उद्योग के उभरते परिदृश्य पर दुनिया की निगाह है। आज के दौर में भारत कंटेंट से लेकर कॉन्सेप्ट के जरिये ‘ग्लोबल क्रिएटिव मार्केट’ का सबसे बड़ा प्लेयर बनकर उभरा है। आगामी ‘वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट’ (वेव्स) 2025 भारत के रचनात्मक पुनर्जागरण की दिशा में बड़ा कदम है। 1 से 4 मई, 2025 तक मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में होने वाला यह वैश्विक शिखर सम्मेलन सिर्फ एक ‘इवेंट’ मात्र नहीं है, बल्कि यह विश्व मंच पर भारत के रचनात्मक उदय की एक साहसिक घोषणा है। इस शिखर सम्मेलन के तहत कई बेहतरीन पहल की जा रही हैं। इन्ही में से एक है ‘क्रिएट इन इंडिया चैलेंज’। इसके जरिये संगीत, फैशन, गेमिंग और डिजिटल कंटेंट के क्षेत्र से 31 प्रतिभाओं को खोज कर भारत के छिपे हुए ‘रत्नों’ को नया मंच दिया जाएगा। इसके अलावा शास्त्रीय संगीतकारों के लिए’ वाह उस्ताद’ और ‘मेक द वर्ल्ड वियर खादी’ भी शानदार पहल हैं, जो भारतीय ट्रेडिशन को ग्लोबल फैशन ट्रेंड्स के साथ जोड़ने का बड़ा काम करेगा।वेव्स एक ऐसा मंच बन गया है जिसके जरिये साबित होगा कि आज के दौर में रचनात्मकता का दायरा सिर्फ मनोरंजन के रूप में सीमित नहीं किया जा सकता, बल्कि यह अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिए भी बड़ी रणनीतिक पहल है। प्रधानमंत्री मोदी का भारत को ‘कंटेंट क्रिएशन शुपर पावर’ बनाने का विचार साहसिक और प्रेरणादायक है और वेव्स इसका ‘लॉन्चपैड’ बनने जा रहा है। ट्रेडिशनल आर्ट से लेकर वीएफएक्स, गेमिंग और स्टोरी टेलिंग में एआई जैसी अत्याधुनिक तकनीकों तक के जरिये इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारतीय प्रतिभा को वैश्विक मानचित्र पर लाना है।क्रिएटर्स को वैश्विक खरीदारों और निवेशकों से जोड़ने के लिए डिजिटल मार्केटप्लेस ‘वेव्स बाजार’ एक ऐसा प्लेटफाॅर्म है जिसकी हमें लंबे समय से जरूरत थी। यह डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मुहिम को मजबूती प्रदान करता है। साथ ही ‘ओटीटी वेव्स प्लेटफाॅर्म’ स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं और कहानीकारों के लिए गेम-चेंजर हो सकता है।
इस सबके अलावा भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान एक बड़ा कदम है। 400 करोड़ के बजट से मुंबई में बनने वाला यह संस्थान अपने आप में ऐसा पहला संस्थान होगा, जो एम एंड ई रिसर्च और टैलेंट डेवलपमेंट के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। आज के दौर में जब हम कंटेंट क्रिएशन के क्षेत्र में वर्ल्ड लीडरिशप की तरफ बढ़ रहे हैं, तो इस तरह का बुनियादी ढांचा बेहद आवश्यक है।