संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन प्रमुख साइमन स्टील ने कहा कि भारत पहले से ही अपने प्रमुख जलवायु लक्ष्यों को पूरा कर रहा है और उनसे आगे निकल रहा है। भारत के पास स्वच्छ ऊर्जा और उद्योग का उपयोग करके और भी तेजी के साथ विकास करने का मौका है।स्टील ने एक साक्षात्कार में इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि भारत की अनूठी भौगोलिक स्थिति और विशाल जनसंख्या का मतलब है कि बड़ी संख्या में लोग जलवायु प्रभावों के प्रति संवेदनशील हैं। इसलिए, यह स्पष्ट है कि लोगों, समुदायों, बुनियादी ढांचे और व्यवसायों को लचीला बनाने के लिए निवेश करने की आवश्यकता है। भारत के जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उसने रिकॉर्ड समय में 100 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता स्थापित किया है और हर गांव में बिजली उपलब्ध कराई है।जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के कार्यकारी सचिव स्टील ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करके भारत के तेजी से विकास करने पर उसकी आर्थिक समृद्धि के लिए बड़ा लाभ होगा। इससे और लाखों रोजगार पैदा होंगे, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी, सभी के लिए अधिक किफायती और सुरक्षित ऊर्जा सुलभ होगी और लोगों के जीवन स्तर में तेजी से सुधार होगा।
सटील ने कहा, उत्तर में पिघलते ग्लेशियरों से लेकर अधिक शक्तिशाली तूफानों, चक्रवातों और खाद्य असुरक्षा तक, भारत की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति और विशाल जनसंख्या के कारण बड़ी संख्या में लोग जलवायु प्रभावों के प्रति संवेदनशील हैं, लेकिन यह विशिष्ट भौगोलिक और विशाल जनसंख्या भारत को मजबूत भी बनाती है। यह बढ़ती हुई आबादी है, जिसे इस और आने वाले दशकों में स्वच्छ और जलवायु-अनुकूल उद्योगों में समृद्ध होने के लिए आवश्यक कौशल के साथ शिक्षित किया जा रहा है।
पिछले हफ्ते भारत के दौरे पर आए स्टील ने भारत को सौर सुपरपॉवर बताया था। उन्होंने भारत से अपनी संपूर्ण अर्थव्यवस्था को शामिल करते हुए एक महत्वाकांक्षी जलवायु योजना विकसित करने का आग्रह किया और कहा था कि वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा में उछाल को और अधिक मजबूती से अपनाने से उसकी आर्थिक उन्नति को गति मिलेगी। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा था कि कुछ सरकारें केवल बातें करती हैं, जबकि भारत काम करता है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के कार्यकारी सचिव स्टील ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करके भारत के तेजी से विकास करने पर उसकी आर्थिक समृद्धि के लिए बड़ा लाभ होगा। इससे और लाखों रोजगार पैदा होंगे, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी, सभी के लिए अधिक किफायती और सुरक्षित ऊर्जा सुलभ होगी और लोगों के जीवन स्तर में तेजी से सुधार होगा।
सटील ने कहा, उत्तर में पिघलते ग्लेशियरों से लेकर अधिक शक्तिशाली तूफानों, चक्रवातों और खाद्य असुरक्षा तक, भारत की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति और विशाल जनसंख्या के कारण बड़ी संख्या में लोग जलवायु प्रभावों के प्रति संवेदनशील हैं, लेकिन यह विशिष्ट भौगोलिक और विशाल जनसंख्या भारत को मजबूत भी बनाती है। यह बढ़ती हुई आबादी है, जिसे इस और आने वाले दशकों में स्वच्छ और जलवायु-अनुकूल उद्योगों में समृद्ध होने के लिए आवश्यक कौशल के साथ शिक्षित किया जा रहा है।
पिछले हफ्ते भारत के दौरे पर आए स्टील ने भारत को सौर सुपरपॉवर बताया था। उन्होंने भारत से अपनी संपूर्ण अर्थव्यवस्था को शामिल करते हुए एक महत्वाकांक्षी जलवायु योजना विकसित करने का आग्रह किया और कहा था कि वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा में उछाल को और अधिक मजबूती से अपनाने से उसकी आर्थिक उन्नति को गति मिलेगी। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा था कि कुछ सरकारें केवल बातें करती हैं, जबकि भारत काम करता है।