क्वाड समिट में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है। पीएम मोदी का यह अमेरिकी दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस वार्ता में सबसे बड़ी बात यह निकलकर आई है कि, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थाई सीट का समर्थन किया है। वार्ता के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि अमेरिका वैश्विक संस्थानों में सुधार की पहल का समर्थन करता है, ताकि भारत की महत्वपूर्ण आवाज को सही मंच मिले। जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत के लिए स्थायी सदस्यता भी शामिल है। राष्ट्रपति बाइडेन का यह अहम बयान रविवार को क्वाड लीडर्स समिट के दौरान आया। जिसमें पीएम मोदी, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के एंथनी अल्बानीस शामिल हुए थे। राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यूएनएससी का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ था। उस समय दुनिया अलग परिस्थियों का सामना कर रहा था। उन परिस्थितियां को ध्यान में रखकर ही यूएन में देशों को शामिल किया गया था। अब काफी लंबा समय गुजर चुका है। मौजूदा दौर में विश्व अलग तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में यूएनएससी का रिफॉर्म समय की मांग है।
क्वाड सम्मेलन के दौरान चारों देशों के नेताओं ने यूएनएससी में सुधार के लिए समर्थन की शपथ ली। जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्यता की स्थायी और अस्थायी श्रेणियों में विस्तार भी शामिल है। एक संयुक्त बयान में क्वाड नेताओं ने कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी विश्व के लिए एक स्वच्छ, समावेशी, अधिक सुरक्षित और अधिक समृद्ध भविष्य के निर्माण के प्रयासों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
क्वाड चार देशों का एक समूह है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान शामिल हैं। क्वाड चार देशों का एक अनौपचारिक मंच हैं, जहां मिलकर रणनीति बनाते हैं। इस समूह का मकसद समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है। यह छठा क्वाड शिखर सम्मेलन था, जो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के पद छोड़ने से पहले उनका ‘विदाई’ शिखर सम्मेलन भी माना जा रहा है। इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में की।