भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा है कि जर्मनी की नई सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की योजना बना रही है। खासकर रक्षा और कुशल श्रमिकों के मुद्दे पर खास फोकस किया जाएगा। गौरतलब है कि जर्मनी में नई सरकार का गठन होना अभी बाकी है और अभी तक किसी मंत्री ने शपथ नहीं ली है, लेकिन जर्मनी में अगली सरकार बनाने जा रहीं दो पार्टियों को गठबंधन ने भारत के साथ अपने संबंधों को तरजीह देने की योजना बनाई है। फिलिप एकरमैन जर्मनी की नई सरकार के भारत के साथ संबंधों को लेकर बेहद आशावान हैं। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि जर्मनी की नई सरकार भारत के साथ संबंधों को लेकर बेहद सक्रिय और समर्पित होगी। सुरक्षा के मुद्दे पर सहयोग को लेकर एकरमैन ने कहा कि दोनों देशों के संबंध हिंद प्रशांत महासागर की सुरक्षा पर फोकस होंगे। दोनों देशों में रक्षा उद्योग के स्तर पर भी सहयोग बढ़ रहा है और जर्मनी के प्रस्तावित पनडुब्बी समझौते पर भारत की सरकार विचार कर रही है। एकरमैन ने कहा कि ‘जर्मनी की सरकार पनडुब्बी समझौते को लेकर पूरी तरह से समर्पित है और समझौते को पूरा करने के लिए वे हरसंभव कोशिश करेंगे। जर्मनी ने भारत के पनडुब्बी प्रोजेक्ट 75I कार्यक्रम में रुचि दिखाई है। इस कार्यक्रम के तहत भारत सरकार छह पारपंरिक पनडुब्बियों का निर्माण कर रही है। गौरतलब है कि जर्मनी में रूढ़िवादी सीडीयू और सीएसयू ब्लॉक पार्टी, सेंटर लेफ्ट एसपीडी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। दोनों पार्टियों में सरकार के ढांचे को लेकर समझौता हो गया है। जर्मन राजदूत ने ये भी कहा कि भारतीय निजी कंपनियां वैश्विक स्तर पर विस्तार कर रही हैं, इसमें भी भारत और जर्मनी में सहयोगी की अपार संभावना है। यूरोपीय संघ में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार देश है। 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2024 में भारत ने जर्मनी को कुल 10 अरब डॉलर का निर्यात किया और 16.7 अरब डॉलर का आयात किया।