भारत पाकिस्तान के बीच संघर्ष में तुर्किए की काफी चर्चा हो रही है। दरअसल तुर्किए द्वारा पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया जा रहा है। तुर्किए ने ही पाकिस्तान को ड्रोन्स मुहैया कराए हैं, जिनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ हो रहा है। पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन्स के मलबे की जांच से पता चला है कि ये ड्रोन्स तुर्किए के ‘एसिस गार्ड सोनगार’ ड्रोन्स हो सकते हैं। गौरतलब है कि तुर्किए ने न तो पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की और न ही पीड़ितों के प्रति संवेदना जाहिर की, लेकिन तुर्किए ने भारत के हमले में मारे गए आतंकियों के प्रति संवेदना जरूर जाहिर की थी।
तुर्किए लंबे समय से पाकिस्तान का आर्थिक और सैन्य समर्थक रहा है। तुर्किए, पाकिस्तान के कश्मीर पर फैलाए गए नैरेटिव का भी समर्थक है, साथ ही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत का भी पुरजोर समर्थक है। पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की थी। ऐसा करने वाले एर्दोआन दुनिया के पहले नेता हैं। पाकिस्तान ने कश्मीर के मुद्दे पर समर्थन के लिए तुर्किए की तारीफ भी की थी।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब पूरी दुनिया भारत के प्रति संवेदना जाहिर कर रही थी तो तुर्किए ने पाकिस्तान की मदद के लिए ड्रोन्स लदे हवाई जहाज पाकिस्तान भेज दिए थे। हालांकि तुर्किेए ने ड्रोन्स भेजने की बात से इनकार किया है, लेकिन हमले में जिस तरह से पाकिस्तान द्वारा तुर्किए में बने ड्रोन्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे साफ है कि तुर्किए खुलकर भारत के विरोध और पाकिस्तान के समर्थन में है।
इतना ही नहीं तुर्किए ने अपना नौसैन्य युद्ध जहाज टीसीजी बाइकादा भी पाकिस्तान की मदद के लिए कराची बंदरगाह पर भेजा है।
8 और 9 मई की रात पाकिस्तान ने तुर्किए के ड्रोन्स से ही लेह-लद्दाख से लेकर गुजरात में सरक्रीक तक पूरी पश्चिमी सीमा पर 300-400 ड्रोन्स से हमला किया। इस हमले में भारत के शहरों में आम नागरिकों को निशाना बनाया गया और कुछ सैन्य ठिकानों पर भी हमला किया गया। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ये बात कही।
तुर्किए, पाकिस्तान के साथ अपने सैन्य सहयोग को भी लगातार बढ़ा रहा है। दोनों देश मिलकर युद्धक जहाज बना रहे हैं। तुर्किए ने पाकिस्तान को बायरक्तार टीबी2 और एकेंसी ड्रोन्स मुहैया कराया है। तुर्किए पाकिस्तान को आधुनिक नौसैन्य जहाज भी सौंप रहा है, जिनमें से दो युद्धक जहाज पीएनएस खैबर और पीएनएस बाबर पाकिस्तान को मिल चुके हैं और बाकी दो पीएनएस तारिक और पीएनएस बद्र का कराची शिपयार्ड में निर्माण किया जा रहा है।