इस्लामाबाद/नई दिल्ली। भारत और अफगानिस्तान के बीच हाल ही में बढ़ते राजनीतिक और कूटनीतिक संपर्क ने पाकिस्तान की सियासी हलकों में हड़कंप मचा दिया है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में अपने राजदूत को तलब कर कड़ी नाराजगी जताई। पाकिस्तान ने विशेष रूप से कश्मीर मुद्दे को लेकर अफगान अधिकारियों से अपने विचार साझा किए और कहा कि भारत-अफगानिस्तान रिश्तों में बढ़ोतरी क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के राजदूत को तलब किया गया ताकि भारत और अफगानिस्तान के बढ़ते राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग पर आधिकारिक स्थिति स्पष्ट की जा सके। बयान में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सतर्क रहेगा और किसी भी द्विपक्षीय सहयोग में स्थानीय हितों को ध्यान में रखना अनिवार्य है।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान और भारत के बीच सैन्य, आर्थिक और रणनीतिक सहयोग की वृद्धि, विशेष रूप से कश्मीर पर भारत की नीति को मजबूत करने के संकेत देती है। पाकिस्तान ने अफगान अधिकारियों से स्पष्ट किया कि कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तरह का पक्ष लेने से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमने अफगानिस्तान के राजदूत को तलब कर स्पष्ट किया कि किसी भी देश को क्षेत्रीय मसलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कश्मीर पाकिस्तान के लिए संवेदनशील मुद्दा है और इसके आसपास किसी भी गतिविधि पर हम ध्यान रखेंगे।”
हालांकि अफगान राजदूत ने पाकिस्तान की नाराजगी के बावजूद कहा कि उनका देश भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ मित्रवत संबंध बनाए रखना चाहता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान किसी भी तरह के संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहता और क्षेत्रीय शांति को प्राथमिकता देगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते सहयोग के पीछे सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी रणनीति है। दोनों देश सीमा पार आतंकवाद, अफगान आर्थिक पुनर्निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास पर काम कर रहे हैं। पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से स्पष्ट होता है कि इस कूटनीतिक समीकरण से वह चिंतित है और अपनी सुरक्षा व प्रभाव क्षेत्र को लेकर सतर्क हो गया है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पाकिस्तान की यह प्रतिक्रिया क्षेत्रीय भू-राजनीति की जटिलताओं को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का भारत के करीब जाना रणनीतिक दृष्टि से उसकी अपनी सुरक्षा और विकास हितों के अनुरूप है, लेकिन इससे पाकिस्तान पर दबाव और बढ़ गया है।
अफगान राजदूत की पाकिस्तान में तलबी बैठक ने यह संकेत दिया है कि कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर पाकिस्तान क्षेत्रीय कूटनीति में सक्रिय हो रहा है और हर कदम पर नजर रख रहा है।


