Thursday, November 13, 2025

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भारत की सामरिक ताकत में बड़ा इजाफा

नई दिल्ली/लेह। भारत की सामरिक शक्ति को और मजबूती देने वाला ऐतिहासिक कदम बुधवार को उठाया गया। चीन सीमा से महज कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित न्योमा एयरबेस अब औपचारिक रूप से चालू हो गया है। इस एयरबेस के शुरू होने से पूर्वी लद्दाख में वायुसेना की ऑपरेशनल क्षमता में जबरदस्त वृद्धि होगी और दुर्गम सीमाई इलाकों में भारत की सैन्य तैयारियों को नई धार मिलेगी।

न्योमा एयरबेस की लोकेशन भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बेहद नजदीक है। यह एयरबेस समुद्र तल से लगभग 13,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे दुनिया के सबसे ऊंचे एयरफील्ड्स में शुमार करता है। अब यहां से लड़ाकू विमान, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टरों का संचालन किया जा सकेगा, जिससे सीमाई इलाकों तक रसद, सैनिकों और उपकरणों की त्वरित आपूर्ति संभव हो जाएगी।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि न्योमा एयरबेस के संचालन में आने से भारतीय वायुसेना को पूर्वी लद्दाख में अभूतपूर्व रणनीतिक बढ़त मिलेगी। गलवान, दारबुक और दौलत बेग ओल्डी जैसे संवेदनशील सेक्टर अब सीधे एयर सपोर्ट के दायरे में आ गए हैं। इससे भारत न केवल सीमा पर किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगा, बल्कि चीन की किसी भी गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया देने की क्षमता भी हासिल कर लेगा।

भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के अनुसार, न्योमा एयरबेस को पूरी तरह आधुनिक तकनीक और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ तैयार किया गया है। यहां लंबी रनवे, उच्च क्षमता वाले हैंगर, नाइट ऑपरेशन सिस्टम और सर्द मौसम में विमान रखरखाव के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके निर्माण में स्थानीय इंजीनियरों और सीमा सड़क संगठन (BRO) ने अहम भूमिका निभाई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्योमा एयरबेस को भारत की सुरक्षा नीति के नए अध्याय के रूप में बताया और कहा कि इससे देश की सीमाएं और मजबूत होंगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे “लद्दाख की सामरिक और आर्थिक दोनों जरूरतों के लिए मील का पत्थर” करार दिया। उन्होंने कहा कि इस एयरबेस के जरिए भारत की वायुसेना कठिन परिस्थितियों में भी मिशन पूरी करने की क्षमता रखती है।

न्योमा एयरबेस से न केवल सुरक्षा क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी, बल्कि इससे क्षेत्र के आर्थिक और नागरिक विकास को भी गति मिलेगी। आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं, आपदा राहत कार्य और पर्यटन के क्षेत्र में भी यह एयरबेस अहम भूमिका निभाएगा।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि न्योमा एयरबेस का संचालन चीन को स्पष्ट संदेश है कि भारत अब सीमाई इलाकों में किसी भी प्रकार की सैन्य चुनौती का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह कदम भारत की सुरक्षित सीमाएं, मजबूत भारत’ नीति को और सशक्त बनाता है।

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