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“भारत आज इसलिए मजबूत और एकजुट है क्योंकि हमारे पास संविधान है” — सीजेआई ने कहा, पड़ोसी देशों में हिंसा पर भी जताई चिंता

नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा है कि भारत आज जिस मजबूती और एकजुटता के साथ आगे बढ़ रहा है, उसका श्रेय हमारे संविधान और उसमें निहित लोकतांत्रिक मूल्यों को जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान ने न केवल शासन व्यवस्था को स्थिर रखा, बल्कि विविधताओं से भरे इस देश को एक सूत्र में बांधे रखने में भी अहम भूमिका निभाई है।
मुख्य न्यायाधीश शनिवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोल रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत के सामने कई चुनौतियाँ रही हैं — धार्मिक, सामाजिक और भाषाई विविधताएँ — लेकिन संविधान ने सबको समान अधिकार और समान अवसर देकर एक साझा राष्ट्रीय पहचान सुनिश्चित की।
सीजेआई ने कहा, “हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहाँ सैकड़ों भाषाएँ, अनेक धर्म और अलग-अलग संस्कृतियाँ हैं। फिर भी हम एकजुट हैं क्योंकि हमारे संविधान ने हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता की गारंटी दी है। यही हमारी लोकतांत्रिक ताकत है।”

पड़ोसी देशों में हिंसा का जिक्र
मुख्य न्यायाधीश ने अपने भाषण में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जहां कुछ देशों में राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक हिंसा लगातार बढ़ रही है, वहीं भारत में संवैधानिक संस्थाएँ और कानून का शासन शांति और स्थायित्व का आधार बनी हुई हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे पड़ोसी देशों में जिस तरह की हिंसा, अस्थिरता और असहिष्णुता देखने को मिल रही है, वह बताती है कि संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होते हैं। भारत ने संविधान के प्रति अपनी आस्था बनाए रखी है, इसी वजह से हम स्थिर और मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़े हैं।”
संविधान को ‘सामाजिक अनुबंध’ बताया
सीजेआई चंद्रचूड़ ने संविधान को भारत के नागरिकों और राज्य के बीच एक ‘सामाजिक अनुबंध’ बताया। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज सिर्फ कानूनी ढांचा नहीं है, बल्कि यह लोगों के बीच विश्वास और समानता का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका की भूमिका केवल विवादों का निपटारा करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि संविधान में निहित अधिकारों की रक्षा हो। “संविधान हमें बताता है कि असहमति का भी सम्मान होना चाहिए और हर आवाज को सुना जाना चाहिए,” उन्होंने जोड़ा।

लोकतंत्र की स्थिरता पर बल
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भारत का लोकतंत्र इसलिए सफल है क्योंकि इसमें हर वर्ग को अपनी बात कहने का अधिकार है। “जब संस्थाएँ जवाबदेह होती हैं और नागरिक जागरूक रहते हैं, तभी लोकतंत्र मजबूत होता है,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम के अंत में सीजेआई ने युवाओं से अपील की कि वे संविधान के मूल्यों — समानता, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व — को अपने जीवन में अपनाएँ और भारत की एकता को और मजबूत करें।

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