भाजपा ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी के भीतर होने वाले पालाबदल पर कड़ी निगरानी बढ़ा दी है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि केवल नेताओं के बदलाव से ज्यादा प्रभाव जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के आने-जाने से पड़ता है। इसी कारण संगठन ने ऐसे कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर विशेष नजर रखने और स्थिति के आधार पर रणनीति में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने उन क्षेत्रों की पहचान की है जहां विपक्षी दलों के कार्यकर्ता लगातार पार्टी में शामिल हो रहे हैं या स्थानीय समीकरण बदल रहे हैं। पार्टी नेतृत्व ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे कार्यकर्ताओं से संवाद बढ़ाएं, उनकी भूमिका स्पष्ट करें और Booth तथा Mandal स्तर पर संगठन को मजबूत करें। माना जा रहा है कि पार्टी जमीनी स्तर पर “कमल खिलाने” के लिए नई रणनीति तैयार कर चुकी है, जिसमें कार्यकर्ताओं की सक्रियता और स्थानीय नेटवर्क को केंद्र में रखा गया है।
पार्टी रणनीतिकारों का कहना है कि चुनावी सफलता के पीछे संगठन का मजबूत ढांचा सबसे बड़ी ताकत है। इसलिए भाजपा अब केवल नेताओं के शामिल होने या छोड़ने से अधिक कार्यकर्ताओं की निष्ठा, उनकी क्षेत्रीय पकड़ और उनके प्रभाव क्षेत्र पर ध्यान दे रही है। नई रणनीति के तहत उन इलाकों में विशेष अभियान चलाए जाएंगे जहां पार्टी को राजनीतिक रूप से मजबूती की आवश्यकता है या जहां कार्यकर्ताओं का पालाबदल अधिक देखने को मिल रहा है।
पार्टी का मानना है कि यह कदम न केवल संगठन को स्थायी रूप से मजबूत करेगा, बल्कि आगामी चुनावों में भाजपा की तैयारी को भी नई दिशा देगा।





