भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने बताया है कि देश का पहला भविष्य के युद्ध पर आधारित पाठ्यक्रम 23 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। इस पाठ्यक्रम में सेना की विभिन्न रैंक के अधिकारी शामिल होंगे। सीडीएस गुरुवार को भारत शक्ति रक्षा सम्मेलन के एक संवाद सत्र में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने संयुक्त थिएटर कमांड समेत कई मुद्दों पर बात की। थिएटर कमांड के मुद्दे पर हाल ही में तीनों सेनाओं के कमांडर्स की बैठक हुई। कार्यक्रम के दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि ‘हमने इस बात पर चर्चा की कि युद्ध कैसे बदल रहा है और हमें इसके लिए क्या करने की जरूरत है, मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है। हमने भविष्य युद्ध पाठ्यक्रम पर चर्चा की, जो चार दिन बाद 23 (सितंबर) को शुरू होने जा रहा है, यह पहला पाठ्यक्रम है, जिसे हमने भविष्य के युद्ध के लिए तैयार किया है।’ सीडीएस ने बताया कि यह नियमित पाठ्यक्रम से थोड़ा अलग है, क्योंकि इसमें विभिन्न रैंक के अधिकारी एक साथ भाग ले सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘आप मेजर से लेकर मेजर जनरल रैंक तक के अधिकारियों को इस विशेष कोर्स में भाग लेते देखेंगे। यह कुछ नया है। एक मेजर जनरल शायद मेजर से कुछ सीख सकता है और एक मेजर, मेजर जनरल से रणनीति और संचालन सीख सकता है। यह शुरुआती पाठ्यक्रम है और भविष्य में इसमें और सुधार किया जाएगा। जनरल चौहान ने कहा, ‘जब हम भविष्य के युद्ध को देख रहे हैं, तो हम यह नहीं देख रहे हैं कि भविष्य में सेनाएं कैसे लड़ने जा रही हैं और फिर उनकी नकल करने की कोशिश कर रहे हैं। बल्कि हम भविष्य में कैसे लड़ने जा रहे हैं और उसे लेकर कैसे रोडमैप तैयार करेंगे।’