Thursday, May 22, 2025

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ब्रिटेन की संसद में गूंजा पहलगाम आतंकी हमले का मुद्दा

ब्रिटेन के सांसदों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। स्लॉ से ब्रिटेन के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने उम्मीद जताई कि हमले के पीछे के अपराधियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

संसद में अपने भाषण में धेसी ने नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमले पर दुख जताया और कहा कि वह पीड़ितों के परिवारों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है।

ब्रिटेन के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी कहा कि हम इस सप्ताह पोप फ्रांसिस के दुखद निधन का शोक मना रहे हैं, लेकिन मैं इस सप्ताह जम्मू और कश्मीर में निर्दोष पर्यटकों पर कायरतापूर्ण, घातक, चौंकाने वाले आतंकवादी हमले से भी बहुत दुखी हूं। पीड़ितों के परिवार मेरी प्रार्थनाओं में हैं, और मुझे पूरी उम्मीद है कि अपराधियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता लूसी पॉवेल ने पहलगाम में हुए हमले को “कायरतापूर्ण कृत्य” बताया और कहा कि ब्रिटेन सरकार की संवेदनाएं इससे प्रभावित लोगों के साथ हैं, विशेषकर उन लोगों के साथ जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।
संसद में अपने भाषण में पॉवेल ने कहा कि कश्मीर में हुए इस भयावह आतंकवादी हमले की भयावहता अत्यंत विनाशकारी थी और जैसा कि उन्होंने कहा, यह एक कायरतापूर्ण कृत्य था और मेरी तथा पूरी सरकार की संवेदनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं, विशेषकर उन लोगों के साथ जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों को याद करने के लिए इंडिया हाउस में एक गंभीर स्मृति समारोह आयोजित किया।

इस अवसर पर संसदीय मामलों के राज्य मंत्री एल. मुरुगन, महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, यू.के. के सांसद बॉब ब्लैकमैन और कई अन्य यू.के. सांसदों सहित कई विशिष्ट अतिथि अपनी संवेदना और समर्थन व्यक्त करने के लिए एकत्रित हुए।

यू.के. के सांसदों की उपस्थिति ने आतंकवाद की निंदा करने और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होने की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। कार्यक्रम में यू.के. भर से भारतीय प्रवासी एकत्रित हुए, जो पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके साथ एकजुटता दिखाने आए थे।

ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए ऐसी त्रासदियों के सामने लचीलापन, एकता और न्याय के महत्व पर जोर दिया।

दोराईस्वामी ने कहा कि यह हमला जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामान्य दैनिक व्यवसाय करने से रोकने, उन्हें काम और व्यवसाय के माध्यम से अपने जीवन को बेहतर बनाने से रोकने के लिए किया गया था।

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