भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर वर्तमान स्थिति की निगरानी के लिए गुरुवार को समिति की दूसरी बैठक हुई। बैठक में बीएसफ ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ विभिन्न संचारों की प्रगति और विशेष रूप से बांग्लादेश के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा की स्थिति की चर्चा की। बीजीबी ने अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि 12 दोनों सीमा सुरक्षा बलों ने विभिन्न स्तरों पर लगभग 722 सीमा बैठकें की हैं। बैठक की अध्यक्षता बीएसएफ (पूर्वी कमान) के एडीजी रवि गांधी ने की, जिसमें भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (एलपीएआई) के सदस्यों सहित सभी अन्य सदस्यों ने भाग लिया। बीएसएफ के पूर्वी कमान के प्रवक्ता संजय गुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि बैठक में इसके अलावा, दोनों सीमा सुरक्षा बलों ने पूर्वी कमान के क्षेत्राधिकार में संवेदनशील भागो में 1367 समन्वित समन्वयकारी गश्त (एससीपी) की है। इन सीमा बैठकों के दौरान, बीजीबी अधिकारियों से भारतीय क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को रोकने के लिए आग्रह किया गया।
बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने बैठकों के दौरान बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आश्वासन दिया। दोनों सीमा सुरक्षा बलों के अधिकारी विभिन्न मामलों पर वास्तविक समय में सूचना साझा करते हुए निरंतर संपर्क में हैं।
गुप्ता ने बताया कि बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ रहने वाले भारतीय ग्रामीणों के साथ ग्रामीण समन्वय बैठकें भी आयोजित की हैं ताकि वे बांग्लादेश में व्याप्त स्थिति के बारे में जागरूक हों और सीमा प्रबंधन में उनका सहयोग लिया जा सके। पूर्वी कमान के क्षेत्राधिकार में पिछले 15 दिनों में कुल 614 ऐसी बैठकें आयोजित की गई हैं, जहां ग्रामीणों ने बहुत गर्मजोशी से प्रतिक्रिया दी है। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सहयोगी एजेंसियों के साथ भी कई बैठकें आयोजित की गई हैं।
गुप्ता ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है और बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की अक्षुणता के साथ-साथ सीमा के निकट रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। बीएसएफ कर्मी समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) के अंतर्गत बीजीबी के साथ परस्पर सहयोग में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर डटे हुए हैं।