Friday, November 21, 2025

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बीएसएफ–आईआईटी मद्रास मिलकर बनाएंगे अत्याधुनिक संस्थान

नई दिल्ली। भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा अब तकनीक के नए आयामों के साथ और भी मजबूत होगी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने देश के शीर्ष तकनीकी संस्थान आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर एक उच्च स्तरीय अनुसंधान केंद्र स्थापित करने के लिए समझौता किया है। इस संस्थान का नाम ‘सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी इन सीमा सुरक्षा (CARTS)’ रखा गया है।

यह केंद्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली और रोबोटिक्स तकनीक का उपयोग करके सीमाओं की सुरक्षा को अत्याधुनिक रूप देने पर काम करेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात जवानों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराते हुए सुरक्षा तैयारियों को और सुदृढ़ करना इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य है।

समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर बीएसएफ ग्वालियर अकादमी के निदेशक डॉ. शमशेर सिंह और आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर मनु संथानम ने हस्ताक्षर किए। बीएसएफ के अनुसार, यह प्रयास एक एकीकृत तकनीकी मंच तैयार करेगा, जहां बीएसएफ की मैदानी आवश्यकताएँ और आईआईटी मद्रास की विशेषज्ञता एक-दूसरे के पूरक बनेंगी।

तकनीक आधारित सुरक्षा की नई दिशा

नया संस्थान निम्नलिखित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शोध और विकास करेगा—

  • एआई आधारित स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम
  • सीमा निगरानी के लिए रोबोटिक्स समाधान
  • सेंसर नेटवर्क और इंटीग्रेटेड ऑब्जर्वेशन सिस्टम
  • ड्रोन एवं एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी
  • तस्करी रोकथाम और संदिग्ध गतिविधियों की त्वरित पहचान
  • दुर्गम स्थानों पर तैनात जवानों के लिए तकनीकी सहायता उपकरण
  • सुरक्षित संचार और डेटा प्रबंधन समाधान
  • खुफिया जानकारी के विश्लेषण हेतु उन्नत तकनीक

स्वदेशी तकनीक से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

बीएसएफ ने कहा कि यह सहयोग सुरक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकी विकास को बढ़ावा देगा। उच्च स्तरीय अनुसंधान देश में ही उपलब्ध होगा जिससे विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम होगी। परियोजना के माध्यम से सीमाओं पर होने वाले हर तरह के खतरे की समय रहते पहचान और नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सकेगा।

बीएसएफ और आईआईटी मद्रास की इस संयुक्त पहल से उम्मीद है कि आने वाले समय में सीमा सुरक्षा और राष्ट्रीय रक्षा अत्याधुनिक तकनीकी क्षमताओं से लैस होकर नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेगी।

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